मधु, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हर साल की तरह इस बार भी दिवाली पर प्रदूषण को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। इसका कुछ असर तो देखने को मिला, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार कोलकाता का औसत एक्यूआई (Air Quality Index) थोड़ा कम रहा। फिर भी दिवाली की रात शहर का एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया, जिससे वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। रात 9 बजे से 1 बजे तक एक्यूआई का स्तर 300 से ऊपर रिकॉर्ड हुआ। सबसे ज्यादा प्रदूषण विक्टोरिया और जादवपुर इलाकों में पाया गया, जहां एक्यूआई स्तर 300 के करीब पहुंच गया। विक्टोरिया मेमोरियल क्षेत्र ग्रीन जोन में आता है, लेकिन यहां भी प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने चांदनी चौक, हो-ची मिह्न सरणी, बालीगंज, लेकटाउन, दक्षिण दमदम और बेहला को हॉट स्पॉट घोषित किया है, जबकि टॉलीगंज, कसबा और राजरहाट में भी पटाखों की संख्या अधिक रही।
पीसीबी चेयरमैन कल्याण रुद्र ने बताया कि ‘महंगे पटाखों के अंधाधुंध प्रयोग से प्रदूषण बढ़ा।’ उनके अनुसार, शहर का औसत एक्यूआई 200 दर्ज किया गया। रात 2 बजे से सुबह 8 बजे तक स्थिति स्थिर रही और सूर्योदय के बाद सुधार शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि बरानगर, फोर्ट विलियम और बालीगंज जैसे क्षेत्रों में औसत एक्यूआई 200 से कम था। केएमसी द्वारा पेड़ों की धुलाई और स्प्रिंकलिंग से स्थिति में सुधार आया। पर्यावरणविद एस.एम. घोष और नव दत्ता ने पीसीबी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने मांग की कि ग्रीन क्रैकर्स की आवाज की सीमा 125 से घटाकर 90 डेसिबल की जाए।
डॉक्टरों की चेतावनी :
टेक्नो इंडिया डामा हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एम.एस. पुरकाइत ने बताया कि दीपावली के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या 15–20% बढ़ी है। अस्थमा, सीओपीडी और हृदय रोगियों को सबसे अधिक परेशानी हुई, जबकि बुजुर्ग पटाखों के धुएं और प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।
एक नजर एक्यूआई पर :
विक्टोरिया – 255 (खराब), जादवपुर – 204 (खराब), बोटानिकल गार्डेन – 192 (मध्यम), बालीगंज – 173 (मध्यम), विधाननगर – 169 (मध्यम), फोर्ट विलियम – 145 (मध्यम)।