हावड़ा : मंगलाहाट में लगी भयावह आग के बाद से ही वहां कार्यरत करीब 2500 मझोले व्यवसायियों के बीच अब रोजीरोटी का सवाल खड़ा हो गया है। शनिवार की सुबह से व्यवसायी हाट के सामने खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि षड्यंत्र के तहत यहां आग लगायी गयी, ताकि जो केयरटेकर है उसे इसका लाभ मिल सके। हालांकि व्यवसाइयों को कंट्राेल में करने के लिए यहां पर पहले से ही हावड़ा थाने की पुलिस मौजूद थी, परंतु जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे व्यवसाइयों का रोष बढ़ता चला जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि 12 बीघे की यह जमीन आखिर किसकी है? इस विषय में पोरा हाट व्यवसायी संग्राम समिति के महासचिव दिलीप दत्त ने बताया कि यह आग इस इमारत के केयरटेकर के रूप में खुद को बतानेवाले शांतिरंजन दे ने किरोसिन उड़ेलकर लगवायी है। उसके खिलाफ व्यवसायी समिति की ओर से हावड़ा थाने में हमलोगों ने एक एफआईआर दर्ज की है। उनका आरोप है कि कई बार थाने और कोर्ट में शिकायतें की गयीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। व्यवसायियों का आरोप है कि उनसे लगातार रुपये की मांग की जाती थी, नहीं देने पर उनके स्टॉल को तोड़ दिया जाता था। व्यवसाइयों का कहना है कि जिस दिन आग लगी उस दौरान हाट के मालों की चोरी भी की जा रही थी। इसे लेकर जो भी दोषी है उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री की बातों पर है भरोसा : मंगलाहाट में अपनी दुकान लगानेवाले जितेंद्र गुप्ता का कहना है कि हमें मुख्यमंत्री की बात को छोड़कर और किसी पर भरोसा नहीं है। उन्होंने पहले हमलोगों को बोला था कि आपलोग यहां से हटकर सांतरागाछी चले जायें लेकिन हमलोग हटने को तैयार नहीं हैं। अब जब हाट में से मलबा हटाने का काम हो जायेगा, तब हमलोग यहां पर अपनी जगहों पर बैठ जायेंगे, ताकि मन में कुछ तो शांति मिले।
प्रशासन तैयार कर रहा है सूची: समिति की ओर से दिलीप दत्त ने कहा कि डीएम के यहां से फोन आया था कि जिन व्यवसाइयों का इसमें नुकसान हुआ है उनका नाम, नंबर और स्टॉल नंबर की जानकारी दें ताकि इसकी एक सूची बनायी जा सके। इसके लिये शुक्रवार से लेकर साेमवार तक का समय दिया गया है।
ट्रेड लाइसेंस के लिए कई बार की अपील
व्यवसायी वर्ग ने बताया कि 1987 के बाद से हावड़ा के मंगलाहाट का ट्रेड लाइसेंस रिन्यू ही नहीं हुआ है। इसे लेकर हमलोगों ने निगम के चेयरमैन डॉ. सुजय चक्रवर्ती से अपील की थी कि वे लाइसेंस रिन्यू कर दें ताे पता चला कि 35 सालों से लाइसेंस रिन्यू ही नहीं हुआ है। इस दौरान ही हमलोगों ने इस जमीन का डिमांड ड्राफ्ट निकाला था। इसमें किसी का नाम ही नहीं लिखा है अर्थात यह जमीन किसके नाम पर है, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
मुख्यमंत्री से की गयी अपील
मंगलाहाट व्यवसायी समिति और पोरा हाट व्यवसायी संग्राम समिति की ओर से मलय दत्त, राजकुमार साहा व दिलीप दत्त ने मिलकर मुख्यंमत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया लेकिन उनके सामने उन्होंने कुछ बातों को लेकर अपील की है। उन्होंने संवाददाताओं के माध्यम से कहा कि मुख्यमंत्री ने व्यवसाइयों को जो ऋण देने की घोषणा की है, वह ऋण के रूप में नहीं बल्कि अनुदान दें, नहीं तो व्यवसायी चुका नहीं पायेंगे। इसके साथ ही जो कमेटी बनायी गयी है उसमें व्यवसायी समिति के सदस्यों को भी जोड़ा जाये।