डिलीवरी ब्वॉय नहीं मान रहे डिस्ट्रिब्यूटरों का फरमान
घर-घर बायोमेट्रिक डिवाइस ले जाने से कर रहे इनकार
कोलकाता : देश में लाखों लोग अभी भी ऐसे हैं जो पारंपरिक तरीके से मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाते हैं। इस तरह से खाना पकाना न सिर्फ परेशानी होती हैं बल्कि स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी एलपीजी सिलेंडर नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में भारत सरकार द्वारा एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है ताकि एलपीजी सिलेंडर खरीदने में मदद की जा सके। हालांकि इसका फायदा लेने के लिए सभी को अपने आधार कार्ड को एलपीजी कनेक्शन से लिंक करना जरूरी है क्योंकि सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में आती है।
जानकारी का अभाव, लग रही लंबी कतारें
गत अक्टूबर महीने में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सभी ओएमसी (इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल) को निर्देश जारी कर एक समयबद्ध तरीके से पीएमयूवाई और पहल लाभार्थियों के आधार से एलपीजी को लिंक कराने की बात कही थी। हालांकि एलपीजी उपभोक्ताओं में यह बड़ा कंफ्यूजन फैल गया है कि आगामी 31 दिसम्बर तक ही आधार से एलपीजी को लिंक कराने की अंतिम तारीख है। इस कारण गैस बुकिंग एजेेंसियों के सामने ग्राहकों की लंबी कतारें लग रही हैं। डिस्ट्रिब्यूटरों के साथ ही ओएमसी अधिकारियों का कहना है कि 31 दिसम्बर अंतिम तारीख नहीं है, बल्कि एक समयबद्ध तरीके से लिंक कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा ऑनलाइन भी एलपीजी से आधार को लिंक किया जा सकता है, लेकिन इसकी जानकारी भी काफी लोगों में नहीं है।
डिलीवरी ब्वॉय नहीं मान रहे फरमान
डिस्ट्रिब्यूटर अगर चाहें तो डिलीवरी ब्वॉयज को बायोमेट्रिक डिवाइस देकर घर-घर भेज सकते हैं। ऐसे में डिलीवरी ब्वॉय सिलेंडर की डिलीवरी के समय ही उपभोक्ताओं के आधार से एलपीजी को लिंक करा सकते हैं। इसे लेकर कोई निर्देश मंत्रालय अथवा ओएमसी कंपनियों द्वारा नहीं दिया गया है मगर डिस्ट्रिब्यूटर चाहे तो अपनी ओर से ऐसा कर सकते हैं। हालांकि डिलीवरी ब्वॉयज डिस्ट्रिब्यूटरों का फरमान नहीं मान रहे हैं। इस संबंध में डिलीवरी ब्वॉयज का कहना है कि हमें यह सब नहीं आता है। हम एलपीजी डिलीवरी का काम करेंगे या फिर वह काम जो हमें आता ही नहीं है। एक और डिलीवरी ब्वॉय ने कहा कि कोई डिलीवरी ब्वॉय बायोमेट्रिक डिवाइस लेकर घर-घर नहीं जाना चाहता है क्योंकि अगर लोग हमारी बात नहीं समझेंगे तो मुश्किल हमें ही झेलनी हाेगी।