वेतन तय करने के लिये बनायी जा सकती है गाइडलाइन
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य के निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिये अब शिक्षा कमीशन तैयार किया जायेगा। इसके लिये सोमवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गयी। नवान्न सूत्रों के अनुसार, इस नवगठित कमीशन के शीर्ष पर रिटायर्ड जस्टिस रहेंगे। कैबिनेट में मंजूरी मिलने के बाद अब इसे विधानसभा में पेश किया जायेगा। यहां से फिर राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शिक्षा कमीशन को लागू कर दिया जायेगा। यहां उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीने से ही राज्य के निजी स्कूलों पर नियंत्रण करने केे लिये यह कमीशन तैयार करने पर शिक्षा विभाग चर्चा कर रहा था। इस संबंध में गत अप्रैल महीने में ही राज्य के सभी विभागों के मंत्रियों व सचिवाें के साथ सीएम ने प्रशासनिक बैठक की थी। इस बैठक में शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सीएम को बताया था कि राज्य सरकार के निर्देशों को कई निजी स्कूल नहीं मान रहे हैं। इसके बाद ही सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि बंगाल में शिक्षा कमीशन का गठन किया जा सकता है या नहीं, इस मुद्दे को देखें।
क्यों बनाया जा रहा है शिक्षा कमीशन
शिक्षा विभाग का कहना है कि राज्य के निजी स्कूलों में जिस प्रकार मनमाने तौर पर फीस वृद्धि की जाती है, इसे लेकर कई बार अभिभावकों ने रोष भी जताया है। कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई के समय निजी स्कूलों को फीस देने के मामले ने अदालत में काफी तूल पकड़ा था। हालांकि अब भी काफी निजी स्कूल मनमाने तौर पर फीस बढ़ा रहे हैं। कई अधिकारियों का कहना है कि इसे रोकने के लिये ही यह शिक्षा कमीशन तैयार किया जा रहा है।
प्रॉफिट मेकिंग बिजनेस नहीं हो सकते स्कूल
यहां उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि के मामले में जस्टिस ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि राज्य सरकार का निजी स्कूलों पर कोई नियंत्रण क्यों नहीं है। निजी स्कूल कब और कितनी फीस बढ़ायेंगे, इस पर राज्य की कोई नजर नहीं है। राज्य सरकार को जस्टिस ने एक गाइडलाइन तैयार करने का निर्देश भी दिया था। अन्य राज्यों की तुलना करते हुए जस्टिस ने कहा था कि दूसरे राज्यों में फीस को लेकर राज्य का अपना कानून है। इस राज्य में क्या इस तरह का कोई कानून अथवा गवर्निंग बॉडी है जो कितनी फीस बढ़ायी जायेगी, इसे देखेंगे। कोर्ट ने कहा था कि स्कूल प्रॉफिट मेकिंग बिजनेस नहीं हो सकते।
कर्मचारियों का वेतन भी तय कर सकता है कमीशन
सूत्रों के अनुसार, केवल निजी स्कूलों में फीस ही नहीं बल्कि शिक्षक व शिक्षा कर्मियाें का वेतन भी शिक्षा कमीशन तय कर सकता है। इसके लिये एक गाइडलाइन तैयार की जा सकती है। इसे लेकर भी कोर्ट ने कहा था कि वेतन का ढांचा कैसा होगा, इसकी कोई गाइडलाइन राज्य सरकार की नहीं है। कोर्ट ने गाइडलाइन बनाने का निर्देश भी दिया था।