आज फ्रेंडशिप डे
दोस्ती का रिश्ता बेहद अटूट होता है। यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जो खून का नहीं होते हुए भी उससे बढ़कर होता है। लोग अपने दोस्त के लिए क्या कुछ नहीं कर गुजरते। वैसे तो दोस्त अक्सर ही दोस्ती का आनंद लेते हैं, इसे सेलिब्रेट करने के लिए किसी खास दिन का मोहताज नहीं। फिर इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। भारत में हर साल अगस्त माह के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। इस दिन हर कोई अपने दोस्तों के साथ एंजॉय करता है। उसे फ्रेंडशिप डे की बधाई देता है। इस साल भारत में 6 अगस्त को फ्रेंडशिप डे मनाया जाएगा।
फ्रेंडशिप डे का उद्देश्य
फ्रेंडशिप डे का उद्देश्य दोस्ती के महत्व का समझना है। दोस्ती के भाव को जिंदा रखने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह दिन दोस्ती को समर्पित है। फ्रेंडशिप डे के दिन हर कोई अपने खास दोस्त के साथ एंजॉय करता है। वह अपने दोस्ती के रिश्ते को और मजबूती देने का प्रयास करता है। लोग इस दिन का कई तरह से आनंद लेते हैं। कोई दोस्त के साथ ड्राइव पर चला जाता है, तो कोई दोस्त के साथ किसी होटल में पार्टी करता है। इस दिन दोस्तों का पूरा ग्रुप कहीं पिकनिक टूर का प्लान भी कर सकता है। आप भी अपने दोस्तों के साथ इस दिन को स्पेशल बनाएं। इसके लिए आप अपने आस-पास कहीं पिकनिक स्पॉट पर जा सकते हैं।
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत
बताया जाता है कि फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत परागुआ से हुई। यहीं पहली बार 1958 में अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे मनाने का प्रस्ताव पेश हुआ था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे मनाने की घोषणा की। हालांकि, अमेरिका, भारत, बांग्लादेश जैसे कई देश फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार को मनाते हैं।
रविवार को ही क्यों मानते हैं फ्रेंडशिप डे?
फ्रेंडशिप डे को अगस्त के पहले रविवार को ही मनाए जाने के पीछे भी एक कहानी बताई जाती है। बताया जाता है कि सन 1935 में अमेरिका में 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। जिस व्यक्ति की हत्या की गई; उसका एक अजीज दोस्त था, जब उसे इस घटना की जानकारी मिली तो हताश होकर उसने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। दोस्तों के बीच ऐसे लगाव को देखकर ही अमेरिकी सरकार ने अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाने का फैसला लिया था। इसके बाद भारत सहित अन्य देशों में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाने लगा।