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दीवाली के लिए पर्यावरणविदों की हेल्पलाइन, पटाखों पर कड़ी निगरानी

मधु, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : काली पूजा और दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान बढ़ते प्रदूषण और शोर को लेकर सबुज मंच ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि बिना लाइसेंस वाले पटाखों का निर्माण, बिक्री और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। केवल ग्रीन क्रैकर्स को ही निर्धारित समय सीमा के अनुसार जलाने की अनुमति दी जाएगी। यह समय सीमा शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक तय की गई है। इसके अलावा, अस्पतालों और अन्य शांत क्षेत्रों में पटाखों का उपयोग पूरी तरह वर्जित रहेगा।

पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि तेज ध्वनि और प्रदूषणकारी आतिशबाज़ी से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को गंभीर स्वास्थ्य नुकसान हो सकता है। इस बार सबुज मंच ने सभी जिलों में टीमों का गठन किया है, जो नियम उल्लंघन की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेगी। लोगों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी प्रकार की शिकायत फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से दर्ज कराएं। इसके साथ ही कोलकाता और आसपास के जिलों के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

संगठन ने कहा कि त्योहार खुशी और उजाले का प्रतीक है, न कि प्रदूषण और शोर का। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे समय और नियमों का पालन करें और अपने आसपास के लोगों को भी इस संदेश को फैलाएं।

नियम और दिशा-निर्देश:

  • सुबह 6 बजे से पहले और रात 10 बजे के बाद किसी भी प्रकार के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

  • सभी माइक्रोफोन में साउंड लिमिटर का उपयोग अनिवार्य होगा।

  • डीजे बॉक्स का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

  • अस्पतालों और अन्य साइलेंट जोन में पटाखे जलाना और शोर करना पूरी तरह मना है।

  • अवैध पटाखों का निर्माण, बिक्री और उपयोग सख्ती से वर्जित रहेगा।

सबुज मंच के नव दत्ता ने बताया कि यह पहल सिर्फ कानूनी दृष्टि से नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा और पर्यावरण हित में भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन कर ही हम त्योहारों का आनंद सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से मना सकते हैं। इस बार हेल्पलाइन के जरिए किसी भी तरह की शिकायत तुरंत दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी, ताकि दिवाली के त्योहार में सुरक्षा और स्वच्छता बनी रहे।

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