2024 लोकसभा से पहले तृणमूल को क्लीन स्वीप
भाजपा को मिली बढ़त मगर उम्मीद थी और ज्यादा की
कांग्रेस और माकपा काे नहीं मिला मनचाहा परिणाम
आईएसएफ का भी खाता खुला
2018 में तृणमूल ने 90% सीट पर जीत दर्ज की थी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बंगाल ग्रामीण ने एक बार फिर से तृणमूल सुप्रीमाे ममता बनर्जी पर भरोसा जताया है। तृणमूल भारी मतों से जीतती हुई नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी की दो महीने की कड़ी मेहनत जनसंयोग यात्रा रंग लायी है। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भारी जीत की ओर साफ नजर आ रही है। विपक्षी पार्टियों को काफी पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर से सत्ताधारी पार्टी का दबदबा बरकरार होने जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल को मिली इस बड़ी जीत से पार्टी नेताओं व कर्मियों में उत्साह चरम पर है। मंगलवार को मतगणना के शुरुआती दौर के रुझान में तृणमूल आगे रही। बढ़ते समय के साथ तृणमूल का भाजपा व अन्य पार्टियों के बीच अंतर काफी आगे निकल गया। वहीं भाजपा काे भी पंचायत चुनाव में गत बार की तुलना में बढ़त मिली है। कांग्रेस और माकपा ने भी सीटें हासिल की मगर उन्हें मनचाहा परिणाम मिलता नजर नहीं आ रहा है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि करीब 74,000 सीट पर हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह 8 बजे से शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुई है। विभिन्न मतगणना स्थल पर प्रत्याशियों के समर्थक बड़ी संख्या में जमा हुए। तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने नाचकर, एक दूसरे को गले लगाकर और हरा गुलाल से जीत का जश्न मनाया। बता दें कि 2018 के पंचायत चुनाव में तृणमूल 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध चुनाव जीती थी। उस समय तृणमूल ने 90% प्रतिशत सीटों पर जीत दर्ज की थी।
(त्रिस्तरीय पंचायत) 2023 – ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद की कुल 73,887 सीटें
जिला परिषद की कुल सीटें : 928 (गणना जारी)
पंचायत समिति की कुल सीटें : 9,730 – तृणमूल को – 67, भाजपा को – 9, लेफ्ट को – 2 तथा कांग्रेस
ग्राम पंचायत की कुल सीटें : 63,229 – तृणमूल को 2127, भाजपा को 184, लेफ्ट 78, कांग्रेस 76, आईएसएफ को 8
तृणमूल काफी आगे निकली, निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा
टीएमसी दो साल पहले विधानसभा चुनावों के दौरान हासिल किए गए जनादेश को बरकरार रखते हुए हिंसा से प्रभावित ग्रामीण चुनावों में जीत हासिल करने के लिए तैयार दिख रही है। शाम साढ़े पांच बजे तक एसईसी के अनुसार, सत्तारूढ़ टीएमसी ने घोषित 23,344 सीटों में से 16,330 ग्राम पंचायत सीटों पर जीत हासिल कर ली है, इसके अलावा 3,002 सीटों पर आगे चल रही है। इसकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी 3,790 सीटें जीत चुकी है और 802 सीटों पर आगे चल रही है। कुल मिलाकर 63,229 ग्राम पंचायत सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। वाम मोर्चा ने 1,365 सीटें जीती हैं, जिनमें से अकेले सीपीआई (एम) ने 1,206 सीटें जीती हैं। लेफ्ट फिलहाल 621 सीटों पर आगे चल रहा है। कांग्रेस ने 886 सीटें जीतीं और 256 पर आगे चल रही है। अन्य पार्टियों, जिनमें नवगठित आईएसएफ भी शामिल है, 937 सीटें जीतीं और 190 सीटों पर आगे रहीं जबकि निर्दलीय जिनमें टीएमसी के विद्रोही भी शामिल थे, 418 सीटों पर जीते और 73 सीटों पर आगे रहे।
पंचायत हिंसा में करीब 33 लोगों की गयी जान
शनिवार को हुए पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में कम से कम 15 लोगों की जान चली गई, जिनमें से 11 सत्तारूढ़ टीएमसी के थे। पिछले महीने चुनावों की घोषणा होने के बाद से चुनाव संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 33 हो गई है, जिनमें से 60 प्रतिशत मौतें सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों की हुई है। विभिन्न दलों द्वारा वोट से छेड़छाड़ और हिंसा के आरोपों ने एसईसी को सोमवार को 696 सीटों पर पुनर्मतदान का आदेश देने के लिए मजबूर किया, जो कमोबेश शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। कलकत्ता उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण चुनाव और मतगणना दोनों दिनों में केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती देखी गई। शनिवार को 80.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि पूरे पश्चिम बंगाल में 696 बूथों पर शाम 5 बजे तक 69.85 वोट प्रतिशत दर्ज किया गया, जहां सोमवार को पुनर्मतदान हुआ था। बंगाल में हिंसक ग्रामीण चुनावों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें 2003 के पंचायत चुनावों के दौरान मतदान के एक ही दिन में 40 लोग मारे गए थे, लेकिन इस साल की हिंसा, जिसे मीडिया ने बड़े पैमाने पर कवर किया था, ने इस पर राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित किया।
एक नजर इस पर
राज्य के 22 जिलों में करीब 339 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। राज्य में करीब 74,000 सीट पर पंचायत चुनाव हुए थे। सबसे अधिक 28 मतगणना केंद्र दक्षिण 24 परगना जिले में हैं, जबकि सबसे कम चार मतगणना केंद्र कलिम्पोंग में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि गणना दो दिन जारी रहने की उम्मीद है। मतों की गिनती और नतीजे आने में वक्त लगेगा। दार्जिलिंग में कुल 598 सीटें हैं जबकि कलिम्पोंग में कुल 281 सीटें हैं। इनमें 21 पर भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) बढ़त बनाए हुए है जबकि भाजपा एक पर और निर्दलीय चार पर बढ़त बनाए हुए हैं। सभी मतगणना केंद्रों पर राज्य पुलिस तथा केंद्रीय बलों के सशस्त्र कर्मी तैनात हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतगणना केंद्रों के बाहर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू की गई है। 22 जिलों में कुल 767 'स्ट्रांग रूम' स्थापित किए गए हैं।
तृणमूल और भाजपा के बीच जुबानी जंग
पंचायत चुनाव के शुरुआती रुझानों के साथ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी पर 'मतों की लूट करने और मतगणना केंद्र में विरोधियों के मतगणना एजेंट को प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया।' विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के मतगणना एजेंट को मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने से रोककर जनमत की चोरी करने का प्रयास कर रहे हैं। मतगणना एजेंटों को केंद्रों में जाने से रोका जा रहा है और बमबाजी कर उन्हें धमकाया जा रहा है। भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि हार की आशंका की वजह से वे आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। जनता द्वारा खारिज किए जाने के बाद शर्मनाक हार का आभास होने पर भाजपा अपनी संगठनात्मक अक्षमता छिपाने की आखिरी कोशिश कर रही है।'