कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को लेकर गुरुवार को बीजेपी सांसद मनोज टिग्गा और प्रदेश भाजपा की महासचिव लॉकेट चटर्जी ने साल्टलेक स्थित भाजपा कार्यालय से मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने राज्य सरकार की आदिवासी-विरोधी नीतियों का खुलासा करने का ऐलान किया। भाजपा इस सिलसिले में 13, 14, 15 और 16 अक्टूबर को राज्य के 23 प्रशासनिक जिलों में विरोध-प्रदर्शन करेगी।
साथ ही सांसद खगेन मुर्मू पर हाल ही में हुए हमले के विरोध में उत्तर और दक्षिण बंगाल में एक बड़ा जनसमागम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे।
सांसद मनोज टिग्गा ने सबसे पहले उत्तर बंगाल में बाढ़ की भयावह स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग जिलों में बाढ़ से व्यापक तबाही हुई है। विशेष रूप से चाय बागानों में पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ और कई लोगों की जानें गईं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा विधानसभा क्षेत्र के टांडू बामनडांगा चाय बागान में बाढ़ के कारण नौ लोगों की मौत हुई।
सांसद ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासियों की चाय बागानों की जमीनें छीनकर निजी प्रमोटरों को देने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार छीनने का प्रयास कर रही हैं क्योंकि आदिवासी समुदाय बीजेपी के साथ खड़ा है। टिग्गा ने यह भी कहा कि आदिवासियों को योजनाबद्ध तरीके से वंचित किया जा रहा है और उनकी आवाज दबाई जा रही है।
प्रदेश भाजपा महासचिव लॉकेट चटर्जी ने भी कहा कि भाजपा आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं को सामने लाने के लिए पूरे राज्य में जनजागरण करेगी। इसके तहत पार्टी सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन और जनसमागम आयोजित करेगी। उनका कहना था कि जनता को यह दिखाना आवश्यक है कि तृणमूल सरकार की नीतियां जनता और आदिवासी समुदाय के हितों के खिलाफ हैं।
इस तरह, भाजपा राज्य में व्यापक जनजागरण और विरोध-प्रदर्शन के जरिए सरकार की आलोचना करने और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा का संदेश देने की योजना बना रही है।