कोलकाता : दुर्गापुर में हाल ही में हुई गैंगरेप की घटना ने पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर नई बहस को जन्म दिया है। इस घटना के बाद राज्य की राजनीतिक पार्टियों के बीच महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। इसी क्रम में बंगाल भाजपा ने सोमवार को ‘ऑपरेशन लाल मिर्च’ अभियान की शुरुआत की, जो महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चर्चा में आया है।
इस अभियान के तहत भाजपा कार्यकर्ता महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए लाल मिर्च पाउडर के छोटे पैकेट वितरित कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, साल्टलेक मेट्रो स्टेशन के पास पार्टी कार्यकर्ताओं ने राह चलती महिलाओं को यह पैकेट दिए और उनसे कहा कि किसी भी असुरक्षित स्थिति में इसका इस्तेमाल कर वे अपनी रक्षा कर सकें। इस तरह के प्रतीकात्मक कदम का उद्देश्य महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाना और राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करना बताया गया है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है। पार्टी प्रवक्ताओं ने मुख्यमंत्री के हालिया बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए जाने के बावजूद मामले को गंभीरता से न लेने का संकेत दिया।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच ‘ऑपरेशन लाल मिर्च’ ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नई बहस को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अभियानों का सामाजिक प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन यह जनता और मीडिया का ध्यान राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की ओर खींचने का माध्यम बन सकता है।
इस अभियान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा केवल सरकारी नीतियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को इस दिशा में जागरूक और सक्रिय होना होगा। राजनीतिक पार्टियों द्वारा उठाए गए कदम चाहे प्रतीकात्मक हों या वास्तविक, लेकिन यह विषय बंगाल की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा का केंद्र बना रहेगा।
‘ऑपरेशन लाल मिर्च’ अब न केवल सुरक्षा उपायों के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाओं का भी प्रतीक बन गया है।