कोलकाता : अगले साल 2026 का विधानसभा चुनाव हाेने वाला है और इससे पहले भाजपा हिन्दुत्व वोटों पर ताल ठोक रही है। पिछले काफी समय से विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी जो बात कहते हुए आ रहे हैं, गत रविवार को नेताजी इनडोर स्टेडियम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी वह बात कह दी। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की 97 सीटों पर लीड थी। वहीं 143 सीटों पर भाजपा को 40% से ज्यादा वोट मिले थे। अब थोड़ा फासला और बाकी है। 40% पार कर चुके हैं, और 4 से 5% आगे बढ़ना है। अगले चुनाव में हमारी सरकार बनने जा रही है।’ यहां उल्लेखनीय है कि गत 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा काे 40.7% वोट मिले थे जबकि तृणमूल कांग्रेस को 43.3% वोट मिले थे। अब अगर ये 3 से 4% तृणमूल कांग्रेस के वोट स्विंग कर भाजपा के खेमे में आ जाये तो फिर राज्य में पासा पलट सकता है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पहले भी यह बात कह चुके हैं कि 3 से 4% वोटों को साधने में भाजपा सफल हो गयी तो पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बननी तय है। इन वोटों को जुटाने के लिए केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व ने मिलकर रणनीति तय कर ली है जिस पर काम भी चालू हो चुका है। भाजपा इन 4 से 5% वोटों को साधने में जुट गयी है और हिंदुत्व के फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है।
हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण की पुरजोर होगी कोशिश
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार के विधानसभा चुनाव में हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण की पुरजोर कोशिश की जायेगी। जिस तरह गत 2021 के विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों ने एकजुट होकर टीएमसी को वोट दिया था, उसी प्रकार इस बार यानी 2026 के विधानसभा चुनाव में भाजपा हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश करेगी। इसके लिए मुर्शिदाबाद व मालदह में हिंसा, राज्य में कथित तौर पर हिन्दुओं पर अत्याचार जैसे मुद्दे भाजपा उठायेगी।
आदिवासी और महिला वोटों पर विशेष फोकस
2026 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का विशेष फोकस आदिवासी और महिला वोटों पर फोकस करना है। गत 29 मई को बंगाल दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां टीएमसी सरकार को आदिवासियों से समस्या है। उन्होंने कहा था कि राज्य में आदिवासियों की उपेक्षा की जाती है जबकि एनडीए ने पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाया। इसका सबसे पहले विरोधी टीएमसी सरकार ने किया था। हालांकि आदिवासी और महिला वोटों को भाजपा कैसे तोड़ेगी, यह सब उस पर निर्भर करता है।
एक नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर
गत 2024 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 43.3% वोट मिले थे जबकि भाजपा को 40.7% वोट मिले थे। तृणमूल को 22 सीटें मिली जबकि भाजपा को 18 सीटें मिली थीं। तृणमूल को 7 सीटों का लाभ हुआ था जबकि भाजपा को 6 सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा था। तृणमूल को कुल 2 करोड़ 75 लाख 64 हजार 561 वोट मिले थे जबकि भाजपा को 2 करोड़ 33 लाख 27 हजार 349 वोट मिले थे।
यह कहा भाजपा ने
भाजपा विधायक व प्रदेश महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने सन्मार्ग से कहा, ‘हिन्दुओं को संगठित होना ही होगा नहीं तो अस्तित्व पर संकट आ जायेगा। अब भी अगर हिन्दू 1,000 और 500 रुपये के चक्कर में रहेंगे तो सब बिगड़ जायेगा। हिन्दुओं के साथ ही राष्ट्रवादी मुस्लिमों, सिख, इसाई सभी के वोट जरूरी हैं। गुजरात को सांप्रदायिक कहा जाता है, लेकिन वहां सबसे अधिक तरक्की अल्पसंख्यक कर रहे हैं। वहां के व्यवसायी कभी बंगाल नहीं आयेंगे क्योंकि यहां व्यवसाय का माहौल ही नहीं है। हमें 1,000 रुपये की भीख नहीं चाहिये, आखिर क्यों हमारे बच्चों को राज्य से बाहर जाना पड़ेगा ? हिन्दुओं को संगठित होने के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को भी घर-घर जाकर केंद्रीय परियोजनाओं की जानकारी देनी होगी। पश्चिम बंगाल में निर्णय हो चुका है, 3 से 4 % वोट भाजपा की झोली में आयेंगे और 2026 में भाजपा की सरकार बनेगी।’