Home slider

हावड़ा में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर, कोलकाता की तुलना में अधिक प्रदूषित

कोलकाता में तापमान बढ़ने से हवा की गुणवत्ता में सुधार, लेकिन फिर प्रदूषण बढ़ा

एक नजर में :

बेलूड़ मठ: 247 (गंभीर)

बेलूड़ मठ स्टेशन 1: 295 (गंभीर)

घुसुड़ी: 284 (गंभीर)

सांतरागाछी: 302 (खतरनाक)

मेघा, सन्मार्ग संवाददाता

हावड़ा : बुधवार को शाम 7 बजकर 11 मिनट पर हावड़ा का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 272 दर्ज किया गया, जो खराब (Poor) श्रेणी में आता है। विभिन्न निगरानी स्टेशनों पर एक्यूआई का स्तर गंभीर (Severe) से खतरनाक (Hazardous) तक रहा। इस स्तर पर सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजर्गों और श्वास रोगियों को बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। घुसुड़ी जो कि देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। वहां का एक्यूआई 284 के आसपास है। वहीं सांतरागाछी में 302 एक्यूआई दर्ज किया गया। दूसरी ओर, कोलकाता शहर का समग्र एक्यूआई आज लगभग 190-250 के बीच रहा, जो अस्वास्थ्यकर (Unhealthy) श्रेणी में है। विभिन्न स्रोतों के अनुसार कोलकाता का औसत एक्यूआई 187 से 247 तक दर्ज किया गया। मंगलवार की तुलना में कोलकाता में कुछ सुधार देखा गया था, लेकिन बुधवार को फिर प्रदूषण बढ़ गया। शहरवासियों को सोमवार को कुछ राहत मिली थी, जब लंबे समय से चले आ रहे घने शीतकालीन स्मॉग के बाद प्रदूषण का स्तर कुछ कम हुआ। मौसम वैज्ञानिकों ने इसका कारण तापमान में वृद्धि बताया, जिससे शीतकालीन इनवर्जन कमजोर पड़ा और जमीन के पास फंसे प्रदूषक ऊपर की ओर बढ़ सके। सोमवार को कोलकाता का न्यूनतम तापमान लगभग 1 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 16.2 डिग्री सेल्सियस हो गया, जबकि अधिकतम तापमान करीब 1.5 डिग्री बढ़कर 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के छह सक्रिय निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (सीएएक्यूएमएस) में से चार स्टेशन मध्यम वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 101-200) की पीली श्रेणी में आ गए। सबसे बड़ा सुधार फोर्ट विलियम में दर्ज किया गया, जहां दिन भर में एक्यूआई 100 से नीचे रहा और संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया। हालांकि विक्टोरिया मेमोरियल हॉल स्टेशन पर खराब वायु गुणवत्ता बनी रही, जहां एक्यूआई 220 से ऊपर रहा। विशेषज्ञों ने स्थानीय कारकों जैसे ट्रैफिक जाम, धूल का फिर से उड़ना और स्थिर हवा को इसका कारण बताया। हावड़ा, जो कोलकाता के निकट औद्योगिक और व्यस्त क्षेत्र है, में प्रदूषण का स्तर कोलकाता से अधिक रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की वायु गुणवत्ता सभी के लिए हानिकारक है, विशेष रूप से संवेदनशील समूहों के लिए। मास्क पहनें, घर के अंदर रहें और वायु शोधक का उपयोग करें। उत्सर्जन नियंत्रण और धूल प्रबंधन के लिए सरकारी उपायों की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।

SCROLL FOR NEXT