Home slider

124 ई-बस चार्जर लगाने के लिए 60 स्थान किये गये चिह्नित

हाल ही में ईवी वेब पोर्टल किया गया लॉन्च, 2050 तक की जरूरतों का लगाया गया अनुमान

कोलकाता : पश्चिम बंगाल परिवहन निगम (डब्ल्यूबीटीसी) और टेरी (ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान) द्वारा किए गए एक संयुक्त अध्ययन में 124 इलेक्ट्रिक बस चार्जर स्थापित करने के लिए बुनियादी ढांचे के साथ 60 स्थानों की पहचान की गई है। इस अध्ययन के तहत 2025 तक अपने इलेक्ट्रिक बस प्लीट को 1260 तक बढ़ाना है, जो वर्तमान में 100 से अधिक ई-बसों का बेड़ा है। जीआईएस-आधारित अध्ययन में शहर और न्यू टाउन के ट्रैफिक पैटर्न के साथ-साथ वाहनों के घनत्व और शहर में और इसके आसपास के मौजूदा वाहनों के प्लीट का आकलन किया गया। टेरी ने हाल ही में कोलकाता में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं का नक्शा बनाने के लिए एक ईवी वेब पोर्टल लॉन्च किया है, जिसमें 2050 तक की जरूरतों का अनुमान लगाया गया है। इसने कोलकाता के सार्वजनिक परिवहन को डीकार्बोनाइजिंग शीर्षक से एक वीडियो भी लॉन्च किया है, जो कम उत्सर्जन, भविष्य के लिए तैयार परिवहन प्रणालियों की वकालत करता है जो पर्यावरणीय और सामाजिक दोनों लक्ष्यों को पूरा करते हैं।


इस अध्ययन के हिस्से के रूप में कोलकाता के लिए एक सार्वजनिक प्लीट की डीकार्बोनाइजेशन रणनीति तैयार की गई है, जिसमें 2050 तक डब्ल्यूबीटीसी के तहत सार्वजनिक बसों, घाटों और थ्री ह्वीलर की तैनाती का कार्यक्रम तैयार किया गया है। रोडमैप में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के विद्युतीकरण के कारण शहर में वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर संभावित प्रभाव के साथ-साथ इन प्रणालियों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने के अवसरों की पहचान की गई है। इसके अलावा, यह रोडमैप डब्ल्यूबीटीसी को प्लीट के विद्युतीकरण और संबंधित बुनियादी ढांचे के उन्नयन को सुविधाजनक बनाने के लिए संभावित फंडिंग स्रोतों और राजस्व धाराओं की पहचान करने में सक्षम बनाता है। अध्ययन में 2050 तक सीओ (कार्बन मोनोऑक्साइड) उत्सर्जन में कुल 30,159 टन की कमी का अनुमान लगाया गया है। जो एक महत्वपूर्ण संख्या है जो कोलकाता के सतत विकास में योगदान देगी।

टेरी के वरिष्ठ निदेशक ए.के. सक्सेना ने कहा, इस डीकार्बोनाइजेशन योजना का कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे शहर में वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा तथा वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों में कमी आएगी। गणना के अनुसार, 2050 तक नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन में कुल 13,472 टन की कमी का अनुमान है। सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि बस डिपो में सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता 5.70 जीडब्ल्यूएच प्रति वर्ष है। अन्य चार्जिंग स्टेशनों के स्थानों (इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए) के लिए, सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता चार्जिंग स्टेशन स्थल के पास उपलब्ध छतों पर आधारित है और अनुमान है कि यह 603 जीडब्ल्यूएच प्रति वर्ष है। बसों, नौकाओं और तिपहिया वाहनों जैसे सार्वजनिक परिवहन के साधनों के लिए विकसित डीकार्बोनाइजेशन मॉडल के आधार पर, 2022 से 2050 की अवधि में कुल उत्सर्जन में कमी लगभग 6 मिलियन टन CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) होगी, जिसमें प्रतिदिन 800 टन कार्बन डाइऑक्साइड शामिल होगा।

SCROLL FOR NEXT