पणजी : अभिनेता कमल हासन ने शुक्रवार को कहा कि स्वतंत्र सिनेमा भी भारत की तरह स्वतंत्र है और वह मुख्यधारा के बाहर की फिल्मों को सिनेमाघरों में जगह नहीं मिलने का मुद्दा पिछले चार दशक से उठाते आ रहे हैं। हासन अपनी फिल्म ‘अमरन’ की स्क्रीनिंग से पहले भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के रेड कार्पेट पर नजर आए। इस फिल्म का निर्माण हासन के बैनर ‘राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल’ तले किया गया है।
‘अपूर्वा रागंगल’, ‘नायकन’, ‘थेवर मगन’, ‘सदमा’, ‘पुष्पक विमान’ और ‘चाची 420’ जैसी फिल्मों के जरिये अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाने वाले हासन का मानना है कि स्वतंत्र सिनेमा को मुख्यधारा के सिनेमा के समान ढांचे में नहीं ढाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'स्वतंत्र सिनेमा बहुत स्वतंत्र है, भारत जितना ही स्वतंत्र... इसे व्यवसायिक सिनेमा के सीमित दायरे में न लाएं।'
मुख्यधारा के बाहर की फिल्मों को सिनेमाघरों में जगह नहीं मिलने के बारे में पूछे जाने पर हासन ने कहा, 'हां, लगभग 40 वर्षों से मैं भी यही शिकायत करता आ रहा हूं।' रेड कार्पेट पर हासन के साथ ‘अमरन’ के उनके सह-कलाकारों शिवकार्तिकेयन और साई पल्लवी ने भी चहलकदमी की।
‘अमरन’ की कहानी मेजर मुकुंद वर्धराजन के जीवन पर आधारित है, जो 2014 में कश्मीर में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे। यह फिल्म आईएफएफआई के 56वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में दिखाई जाने वाली पहली फिल्म होगी। इसका निर्देशन राजकुमार पेरियासामी ने किया है।
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