क्रिकेट

रोहित-कोहली के विश्व कप में खेलने को लेकर शास्त्री ने कहा...

रोहित और कोहली को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। यह सीरीज 19 अक्टूबर से पर्थ में शुरू होगी।

सिडनी : भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की 2027 वनडे वर्ल्ड कप में खेलने की उम्मीदें ‘फॉर्म, फिटनेस और जज्बा’ पर निर्भर करती हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज इन पहलुओं की एक अहम परीक्षा होगी। भारत के 2017 से 2021 तक कोच रहे 63 साल के शास्त्री ने कहा कि इन दोनों दिग्गजों को अपनी जगह पक्की करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मजबूत प्रदर्शन करना होगा। रोहित और कोहली को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। यह सीरीज 19 अक्टूबर से पर्थ में शुरू होगी।

शास्त्री ने कहा, ‘इसीलिए वे यहां हैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज खेल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वे इस टीम संयोजन का हिस्सा हैं। यह उनकी फिटनेस , जज्बे और जाहिर है फॉर्म पर निर्भर करता है। मुझे लगता है कि उनके प्रदर्शन के आकलन के लिए यह सीरीज बहुत महत्वपूर्ण है। इस सीरीज के आखिर में उन्हें खुद भी पता चल जाएगा कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं और फिर फैसला उनका होगा।’ रोहित और कोहली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब सिर्फ एकदिवसीय प्रारूप में खेलते है।

यह देखना बाकी है कि क्या वे भारत की दीर्घकालिक योजनाओं में फिट बैठते हैं, क्योंकि अगला वनडे विश्व कप अभी दो साल दूर है। उस समय रोहित की उम्र 40 और कोहली की 38 साल हो जाएगी। हाल ही में रोहित की जगह शुभमन गिल को भारत के एकदिवसीय टीम का कप्तान बनाया गया है। रोहित और कोहली फरवरी में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। भारत इसका विजेता बना था।

रोहित इसके फाइनल में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गये थे जबकि कोहली पूरे टूर्नामेंट में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाते हुए शीर्ष पांच बल्लेबाजों में शामिल थे। शास्त्री ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के नजरिए से देखें तो यही बात स्टीव स्मिथ पर भी लागू होती है, जिन्होंने मार्च में वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया। उस उम्र में आपको खेल का आनंद लेना होता है, और साथ ही अब भी आपके अंदर जज्बा होना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब बात बड़े मैचों की आती है, तो अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता। हमने इसे चैंपियंस ट्रॉफी में देखा है। बड़े मैच आते हैं, तो बड़े खिलाड़ी ही आगे आते हैं।’

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