नयी दिल्ली : रवि शास्त्री अगर ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर भारत के कोच होते तो वह कप्तान रोहित शर्मा को खराब फॉर्म के बावजूद सिडनी में आखिरी टेस्ट से बाहर नहीं रहने देते। रोहित निजी कारणों से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट से बाहर रहे और आखिरी टेस्ट में भी खराब फॉर्म के कारण उन्होंने बाहर रहने का फैसला किया। वह पांच पारियों में 31 रन ही बना सके। भारत को टेस्ट सीरीज में 1-3 से पराजय झेलनी पड़ी। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने इस सत्र में आईपीएल मैचों के दौरान रोहित से बात की और बताया कि अगर वह आस्ट्रेलिया में होते तो क्या करते। उन्होंने कहा, ‘टॉस के समय रोहित से मेरी काफी मुलाकातें हुई है।
टॉस के दौरान बात करने का ज्यादा समय नहीं मिलता। मैने हालांकि एक मैच में उसके कंधे पर हाथ रखा। शायद वह मुंबई मैच था। मैने उससे कहा कि अगर मैं कोच होता तो उसे आखिरी टेस्ट से कभी बाहर नहीं रहने देता।’ उन्होंने आईसीसी रिव्यू के ताजा अंक में कहा, ‘मैने उससे कहा कि वह आखिरी टेस्ट जरूर खेलता क्योंकि सीरीज पूरी नहीं हुई थी।’ रोहित ने हाल ही में टेस्ट प्रारूप को अलविदा कह दिया जबकि टी-20 क्रिकेट से वह पिछले साल ही संन्यास ले चुके हैं। भारत के पूर्व कोच ने कहा, ‘मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो 2-1 स्कोर होने पर हार मान ले।
यह वह मौका नहीं है जब आप टीम को छोड़ दें।’ शास्त्री ने कहा, ‘वह 30-40 रन का मैच था। मैने उससे यही कहा। सिडनी की पिच काफी जबर्दस्त थी और वह जिस फॉर्म में था, वह मैच विनर होता।’ उन्होंने कहा, ‘अगर वह खेलता, हालात को भांपता और उसके हिसाब से शीर्षक्रम में 35-40 रन बनाता तो कुछ भी हो सकता था। सीरीज बराबरी पर होती।’ शास्त्री ने कहा, ‘हर किसी की अपनी शैली होती है। मेरी शैली यह होती और मैने उसे बता दिया। यह बात कई दिनों से मेरे दिल में थी और मुझे उसे बताना था।’ रोहित और विराट कोहली दोनों ने अगले महीने के इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट से विदा ले ली।