Fatima Shbair
क्रिकेट

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टी-20 कल

ऑस्ट्रेलिया को इस महीने के आखिर में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज खेलनी है और उसे देखते हुए हेजलवुड को विश्राम दिया गया है।

होबार्ट : तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड की अनुपस्थिति में भारतीय बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को यहां होने वाले तीसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में थोड़ी राहत मिलेगी और वह पहले से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को अंतिम एकादश में जगह मिल पाती है या नहीं क्योंकि उनको लगातार बाहर रखने पर सवाल उठने लग गए हैं। सही लंबाई पर गेंद डालने में हेजलवुड की सटीकता और उछाल, भारतीय बल्लेबाजों के लिए दुःस्वप्न बन गई। ऑस्ट्रेलिया को इस महीने के आखिर में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज खेलनी है और उसे देखते हुए हेजलवुड को विश्राम दिया गया है।

स्टार सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने मेलबर्न में खेले गए दूसरे मैच के बाद कहा था, ‘यह निश्चित रूप से राहत की बात होगी। मैंने ऐसी गेंदबाजी का सामना पहले कभी नहीं किया।’ ऐसी स्थिति में भारतीय बल्लेबाजों काे राहत मिलना स्वाभाविक है और वे जेवियर बार्टलेट, नाथन एलिस या सीन एबॉट जैसे गेंदबाजों का सामना करते समय अधिक आश्वस्त महसूस करेंगे। कप्तान सूर्यकुमार यादव और शुभमन गिल दोनों को अतिरिक्त उछाल और अच्छी सीम मूवमेंट वाली गेंदों से निपटने में दिक्कत हो रही है। सूर्यकुमार और गिल ने कैनबरा में बारिश से प्रभावित मैच में अच्छी बल्लेबाजी की थी और वह उसको दोहराने के लिए प्रतिबद्ध होंगे। यह मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो पाया था।

होबार्ट स्थित बेलेरिव ओवल एक ऐसा मैदान है, जहां दोनों तरफ की सीमा रेखा छोटी है और ऐसे में शार्ट पिच गेंद पर कवर, प्वाइंट, स्क्वायर लेग या मिड-विकेट पर लंबे शॉट लगाए जा सकते हैं। बेलेरिव ओवल वह मैदान है जहां विराट कोहली ने 2012 में श्रीलंका के खिलाफ 321 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 86 गेंदों में नाबाद 133 रन की शानदार पारी खेली थी। बेलेरिव ओवल की पिच पारंपरिक रूप से सफेद गेंद से होने वाले मैचों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। यह तेज गेंदबाज एलिस का बीबीएल में घरेलू मैदान भी है, जो स्थानीय फ्रेंचाइजी होबार्ट हरिकेंस के कप्तान हैं। इस दौरे पर बल्लेबाजी की गहराई को लेकर भारतीय टीम प्रबंधन का जुनून चर्चा का विषय रहा है और एमसीजी में 125 रन के मामूली स्कोर पर आउट होने के बाद उसकी इस रणनीति पर सवाल उठने लग गए हैं।

अतिरिक्त उछाल वाली पिच पर भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरा और एक बार फिर अर्शदीप को अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली, जबकि वह टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अर्शदीप सिंह को बाहर रखने के फैसले पर हैरानी व्यक्त करते हुए अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था, ‘अगर जसप्रीत बुमराह खेल रहे हैं, तो अर्शदीप सिंह का नाम सूची में दूसरे स्थान पर होना चाहिए। अगर बुमराह नहीं खेल रहे हैं, तो अर्शदीप सिंह का नाम सूची में पहले स्थान पर होगा।‘ अगर आंकड़ों पर गौर करें तो स्पष्ट हो जाता है कि पिछले 15 से 20 मैचों में भारत के आठवें नंबर के बल्लेबाज ने प्रति पारी औसतन पांच गेंदों का सामना किया है और यही वजह है कि टीम प्रबंधन की इस रणनीति पर सवाल उठने लग गए हैं।

भारतीय टीम प्रबंधन अर्शदीप के बजाय हर्षित राणा को प्राथमिकता दे रहा है जिन्होंने पिछले मैच में 33 गेंदों पर तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 35 रन बनाए। यदि चार गेंदों पर बाउंड्री से बनाए गए 18 रन को हटा दिया जाए, तो दिल्ली के इस ऑलराउंडर ने 29 गेंदों पर 17 रन बनाए। उन्होंने ऐसे समय में गेंद बर्बाद की जबकि दूसरे छोर पर अभिषेक शर्मा खड़े थे और उन्हें स्ट्राइक लेने का मौका नहीं मिल रहा था। जहां तक गेंदबाजी का सवाल है तो हर्षित की गेंदबाजी में निरंतरता का अभाव है। अब यहां देखना दिलचस्प होगा कि अर्शदीप को उनकी जगह अंतिम एकादश में शामिल किया जाता है या नहीं। अगर टीम प्रबंधन हर्षित को टीम में बनाए रखने की रणनीति पर कायम रहता है तब भी अर्शदीप को किसी एक स्पिनर के स्थान पर अंतिम एकादश में रखना चाहिए क्योंकि यहां के विकेट से स्विंग मिलने की संभावना है।

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