बेंगलुरु : कप्तान ऋषभ पंत की संयम से खेली गई नाबाद 64 रन की अर्द्धशतक पारी से भारत ए ने संभलकर खेलते हुए शनिवार को यहां चार दिवसीय मैच के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीका ए द्वारा मिले 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए स्टंप तक चार विकेट गंवाकर 119 रन बना लिए। दक्षिण अफ्रीका ने सुबह बिना विकेट गंवाए 30 रन से खेलना शुरू किया लेकिन पूरी टीम 199 रन पर सिमट गई जिससे भारत को जीत के लिए 275 रन का लक्ष्य मिला। भारत ए को जीत के लिए अभी 166 रन की दरकार है। स्टंप तक पंत (81 गेंद, आठ चौके, दो छक्के) के साथ आयुष बडोनी मौजूद थे जिन्होंने अभी खाता नहीं खोला है।
अब टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पंत के कंधों पर होगी। दक्षिण अफ्रीका ए के गेंदबाज अपनी रफ्तार और उछाल से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे। विकेटकीपर-बल्लेबाज पंत इसी समय रजत पाटीदार (28) का साथ निभाने क्रीज पर उतरे। भारत ए ने एक समय 32 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे जिसमें आयुष म्हात्रे, साई सुदर्शन और देवदत्त पडिक्कल पवेलियन लौट चुके थे। पंत ने अपने अंदाज में गेंदबाजों का सामना करते हुए चौथे विकेट के लिए 77 रन की साझेदारी निभाई। वह क्रीज पर सिर्फ टिके रहने की कोशिश नहीं कर रहे थे बल्कि अपनी टीम को मैच में वापसी कराने के लिए दबदबा बनाना चाहते थे।
पंत को 46 रन पर जीवनदान मिला जब तेज गेंदबाज टियान वैन वुरेन की गेंद पर ओकुहले सेले ने फाइन लेग पर उनका आसान कैच छोड़ दिया। जल्द ही उन्होंने प्रेनेलान सुब्रायन की गेंद पर कवर पर चौका लगाकर 65 गेंद में अपना अर्द्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने कुछ उपचार भी कराया जो शायद मांसपेशियों में खिंचाव के कारण कराया गया। दूसरी तरफ पाटीदार दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों के सामने मुश्किल में थे और उन्हें सात रन पर जीवनदान मिला। पर बाद में उन्होंने कुछ शानदार ड्राइव खेले। पर पाटीदार जल्द ही वैन वुरेन की गेंद पर अपर कट मारने की कोशिश में विकेटकीपर रिवाल्डो मून्सामी के हाथों कैच आउट हो गए।
पंत इस खराब शॉट चयन से काफी निराश दिखे। दक्षिण अफ्रीका ए के गेंदबाज पूरे जोश में थे लेकिन उनके बल्लेबाज ज्यादा लापरवाह दिखे। मेहमान टीम ने बिना विकेट गंवाए 30 रन से खेलना शुरू किया और पहले ही सत्र में छह विकेट खो दिए जिससे उसका स्कोर छह विकेट पर 128 रन हो गया। ऑफ स्पिनर तनुष कोटियान (26 रन देकर चार विकेट) और तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज (39 रन देकर तीन विकेट) को दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की आक्रामकता का फायदा मिला। दक्षिण अफ्रीका ए ने 135 रन पर सातवां विकेट गंवाया जिससे तब वह बस 210 रन की बढ़त बनाए थी। पर उसके निचले क्रम के बल्लेबाजों ने जोखिम उठाते हुए आखिरी तीन विकेट के लिए 64 रन जोड़ दिए। इससे दक्षिण अफ्रीका ए को मैच में बने रहने का बेहतर मौका मिला।