घरेलू शेयर बाजार पर नजर  
बिजनेस

वैश्विक बाजारों में कमजोर धारणा का घरेलू बाजार पर असर पड़ा

बीएसई सेंसेक्स 12.16 अंक की बढ़त के साथ 84,478.67 अंक पर बंद हुआ

मुंबई : स्थानीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के बीच वैश्विक बाजारों में कमजोर धारणा का घरेलू बाजार पर असर पड़ा। बीएसई सेंसेक्स 12.16 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 84,478.67 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 84,919.43 अंक तक गया जबकि नीचे में 84,253.05 अंक तक आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी नाममात्र 3.35 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,879.15 अंक पर बंद हुआ। मझोली कंपनियों से जुड़ा बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.34 प्रतिशत और छोटी कंपनियों का स्मॉलकैप 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कुल 2,450 शेयरों में गिरावट आई, जबकि 1,773 शेयरों में तेजी आई। वहीं 144 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे।

क्या रही स्थिति : सेंसेक्स में शामिल शेयरों में एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, सन फार्मास्युटिकल्स, मारुति सुजुकी इंडिया, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक्नोलॉजीज प्रमुख रूप से लाभ में रहे।नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन इकाई, इटर्नल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि., टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स, ट्रेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और इन्फोसिस शामिल हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ : रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, क्षेत्रीय स्तर पर रुझान मिला-जुला रहा। रियल्टी, फार्मा और धातु शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयर) और आईटी में हल्का दबाव देखा गया। इस बीच, मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों सूचकांकों में लगभग आधा प्रतिशत की गिरावट आई। उत्साहजनक घरेलू वृहद आंकड़ों, खासकर अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति के घटकर 0.25 प्रतिशत पर रहने से धारणा मजबूत हुई। इससे निकट भविष्य में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अमेरिकी शेयर बाजारों में मजबूती सहित सकारात्मक वैश्विक संकेतों ने भी बाजार की धारणा को मजबूत किया।

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