नयी दिल्ली : लोकप्रिय एकीकृत भुगतान मंच (यूपीआई) के माध्यम से जुलाई में लेनदेन की संख्या 19.47 अरब के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। मूल्य के संदर्भ में, यह 25.08 लाख करोड़ रुपये रहा, जो मई में दर्ज 25.14 लाख करोड़ रुपये के बाद दूसरा सबसे अधिक है।मात्रा के लिहाज से, पिछली सबसे बड़ी संख्या मई में 18.67 अरब थी, जो जून में घटकर 18.39 अरब रह गई। मई में लेनदेन राशि 24.03 लाख करोड़ रुपये रही।
लेनदेन का मूल्य : एनपीसीआई ने कहा कि जून में लेनदेन का मूल्य 25.08 लाख करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी महीने में यह 20.64 लाख करोड़ रुपये था, जो सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि है। मासिक आधार पर, मूल्य के लिहाज से वृद्धि 4.3 प्रतिशत रही।
डिजिटल लेनदेन में यूपीआई का योगदान : भारत में सभी डिजिटल लेनदेन में यूपीआई का योगदान 85 प्रतिशत है। इसका प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से परे भी है, और यह वैश्विक रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों के लगभग 50 प्रतिशत को संचालित करता है। यूपीआई पहले से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस सहित सात देशों में उपलब्ध है। फ्रांस में इसका प्रवेश मील का पत्थर है क्योंकि यह यूरोप में यूपीआई का पहला कदम है। इससे वहां यात्रा करने या रहने वाले भारतीयों को विदेशी लेनदेन की सामान्य परेशानियों के बिना सहजता से भुगतान करने की सुविधा मिलती है।