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अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत : भारतीय अधिकारियों की अमेरिकी यात्रा को बढ़ाया गया

नयी दिल्ली : वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में भारतीय दल अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए प्रयास कर रहे हैं। भारतीय अधिकारियों की अमेरिकी यात्रा को तीन दिन बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया है। पहले प्रतिनिधिमंडल को दो दिन रुकना था। वार्ता 26 जून को शुरू हुई थी।

क्या है स्थिति : अमेरिका के जवाबी शुल्क पर रोक नौ जुलाई तक जारी रहेगी इसलिए दोनों पक्ष अंतरिम व्यापार समझौते को उससे पहले अंतिम रूप देने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन ने इस्पात और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है। साथ ही उन्होंने मोटर वाहन और उसके कलपुर्जों पर 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की है। अधिकतर देशों से आयात पर 10 प्रतिशत का मूल शुल्क भी लगाया गया है। हालांकि, 26 प्रतिशत के जवाबी शुल्क को अमेरिका ने 90 दिन के लिए टाल दिया था। यह अवधि नौ जुलाई को खत्म हो रही है जिसके बाद अमेरिका शुल्क में बढ़ोतरी कर सकता है।

चुनौतीपूर्ण क्षेत्र : भारत के लिए कृषि और दुग्ध क्षेत्र अमेरिका को शुल्क रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं। भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में दुग्ध क्षेत्र को नहीं खोला है। अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पादों, दुग्ध तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब, सूखे मेवे तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।

भारत की मांग : भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। दोनों देश इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की पहले चरण के लिए बातचीत पूरी करने की भी कोशिश कर रहे हैं।

समझौते का उद्देश्य : इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना से अधिक करके 2030 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। वे प्रथम चरण से पहले, अंतरिम व्यापार समझौते के लिए प्रयास कर रहे हैं। वार्ता के लिए अमेरिकी दल पांच से 11 जून तक भारत आया था। आने वाले दिनों में वार्ता ऑनलाइन और भौतिक रूप दोनों तरह से जारी रहेगी। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-मई अवधि में अमेरिका को भारत का वस्तु निर्यात 21.78 प्रतिशत बढ़कर 17.25 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 25.8 प्रतिशत बढ़कर 8.87 अरब डॉलर रहा।

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