मुंबई : आयातकों एवं विदेशी बैंकों की लगातार बढ़ती डॉलर मांग के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 36 पैसे टूटकर 85.95 पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी बॉन्ड पर बढ़ता प्रतिफल वैश्विक निवेशकों को परेशान कर रहा है। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच घटते प्रतिफल के अंतर के कारण भारतीय परिसंपत्तियां कम आकर्षक हो रही हैं। इसके अलावा, पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 85.59 पर बंद हुआ था। पिछले तीन सत्र में रुपया 54 पैसे टूटा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, आयातकों की डॉलर मांग के बीच भारतीय रुपये में लगातार तीसरे सत्र में गिरावट आई है...जोखिम से बचने की प्रवृत्ति के साथ-साथ जापानी येन से जुड़े ‘कैरी ट्रेड’ ने भी घरेलू रुपये पर दबाव डाला। ‘कैरी ट्रेड’ विदेशी मुद्रा विनिमय से जुड़ी रणनीति है। इसके तहत मुनाफा कमाने के लिए विभिन्न मुद्राओं के बीच ब्याज दर के अंतर का लाभ उठाया जाता है। इसमें कम ब्याज दर वाली मुद्रा में पैसा उधार लेकर उच्च ब्याज दर वाली मुद्रा में निवेश किया जाता है, जिसका उद्देश्य ब्याज दर के अंतर से लाभ कमाना है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.80 पर रहा।