मुंबई : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे की मजबूती के साथ 85.39 पर बंद हुआ। डॉलर के कमजोर होने तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में आगे और कटौती किये जाने की उम्मीद से रुपये में यह तेजी रही।अस्थिर शेयर बाजारों, विदेशी कोषों की निकासी और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण रुपये में तेज बढ़त पर रोक लग गयी। मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से रुपये पर दबाव बढ़ा है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 3.44 प्रतिशत बढ़कर 64.94 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
उन्होंने कहा, ‘कारोबारी अमेरिका के व्यक्तिगत व्यय खपत (पीसीई) मूल्य सूचकांक और व्यक्तिगत आय के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 85.30 रुपये से 86 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।’ इस बीच, विश्व की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला, डॉलर सूचकांक 0.55 प्रतिशत घटकर 98.71 पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत करने की योजना की घोषणा के बाद व्यापार अनिश्चितता के कारण डॉलर में गिरावट आई।