मुंबई : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को रुपया गिरावट से उबरते हुए तीन पैसे की तेजी के साथ 88.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और अमेरिका की तरफ से भारतीय आईटी क्षेत्र के निर्यात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की अटकलों के बीच रुपया अपने निचले स्तर को छूने के बाद कारोबार के अंत में इस गिरावट से उबरने में कामयाब रहा।विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर डॉलर और कच्चे तेल की गिरती कीमतें स्थानीय मुद्रा में गिरावट को रोकने में विफल रहीं।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.11 पर खुला : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.11 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 88.38 प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गया।कारोबार के अंत में यह 88.09 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से तीन पैसे की मजबूती को दर्शाता है।रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.12 के भाव पर बंद हुआ था।अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया इससे पहले दो सितंबर को सर्वकालिक निचले स्तर 88.15 पर बंद हुआ था।
अफवाह का खंडन किए जाने के बाद वापसी : फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘भारतीय आईटी क्षेत्र पर अमेरिकी शुल्क लगाने की अटकलों से रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इससे शेयर बाजार में गिरावट आई और डॉलर/रुपये की विनिमय दर में तेजी आई। हालांकि समाचार एजेंसियों द्वारा इस अफवाह का खंडन किए जाने के बाद रुपये ने थोड़ी वापसी की।’’
एफपीआई लगातार बिकवाली कर रहे हैं : उन्होंने कहा, ‘‘बाजार को उम्मीद थी कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को ऊपर रखने के लिए जोरदार हस्तक्षेप करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क लगाने की घोषणाओं के बाद रुपये को नुकसान हुआ है और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में गिरावट और एशियाई मुद्राओं, विशेष रूप से युआन में वृद्धि के बावजूद रुपये में सुधार नहीं हो पाया है, जबकि एफपीआई लगातार मुद्रा और इक्विटी बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं।’’ इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.03 पर आ गया।