मुंबई : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 43 पैसे लुढ़क कर अबतक के सबसे निचले स्तर 89.96 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 90 के स्तर पर पहुंच गया था।
आयतकों की डॉलर मांग बनी रहने से रुपया में गिरावट आयी : मुख्य रूप से डॉलर की कमी को पूरा करने के लिए सटोरियों की लगातार लिवाली और आयतकों की डॉलर मांग बनी रहने से रुपया में गिरावट आयी। इसके साथ विदेशी पूंजी की निकासी और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बनी अनिश्चितता जैसे दबावों के कारण निवेशकों की धारणा कमजोर बनी हुई है।
क्या रही स्थिति : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 89.70 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह एक समय 47 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.00 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। रुपया मंगलवार को कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले 89.96 के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 43 पैसे की बड़ी गिरावट है। रुपया सोमवार को 89.53 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
90 का स्तर एक प्रमुख मनोवैज्ञानिक स्तर : कोटक सिक्योरिटीज के जिंस एवं मुद्रा प्रमुख अनिंद्य बनर्जी ने कहा, 90 का स्तर एक प्रमुख मनोवैज्ञानिक स्तर है। यदि रुपया इससे ऊपर जाता है, तो बाजार तेजी से 91.00 या उससे भी अधिक के स्तर में स्थानांतरित हो सकता है। यही कारण है कि केंद्रीय बैंक को 90 से नीचे सक्रिय रहना चाहिए...। इस स्तर पर केंद्रीय बैंक के लिए यह आवश्यक है कि वह सट्टेबाजों को एकतरफा रुख के साथ बहुत अधिक सहज होने से रोके क्योंकि इससे डॉलर-रुपये में अस्थिरता में अनावश्यक वृद्धि हो सकती है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत की बढ़त के साथ 99.41 पर रहा।