मुंबई : रुपया शुरुआती बढ़त गंवाकर 18 पैसे की गिरावट के साथ 86.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। आयातकों की मासांत की डॉलर मांग जारी रहने से अमेरिकी मुद्रा में मजबूती रुपये में गिरावट का मुख्य कारण रहा। एक अगस्त की समयसीमा से पहले भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतजार करते हुए निवेशक सतर्कता के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को और प्रभावित किया।अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति के फैसलों से पहले भी निवेशक सतर्क रहे। रुपया शुक्रवार को 12 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.52 पर बंद हुआ था।
विदेशी पूंजी की निकासी : एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, भारतीय बाजार में विदेशी पूंजी की निकासी ने डॉलर की मजबूती को और बढ़ावा दिया। निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर-भारतीय मुद्रा की जोड़ी के 86.10 से 86.75 के बीच रहने का अनुमान है। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.17 पर पहुंच गया।