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पीएफ खाता की स्थानांतरण प्रक्रिया हुई आसान

अधिकांश मामलों में नियोक्ता से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी

नयी दिल्ली : ईपीएफओ ने नौकरी बदलने पर पीएफ खाता स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब अधिकांश मामलों में नियोक्ता से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा कि अब तक भविष्य निधि (पीएफ) जमा के स्थानांतरण में दो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कार्यालय शामिल होते थे। इनमें एक स्रोत कार्यालय, जहां से पीएफ राशि को स्थानांतरित किया जाता था और दूसरा गंतव्य कार्यालय, जहां अंतिम रूप से राशि जमा की जाती थी। इस प्रक्रिया को अधिक सरल बनाने के उद्देश्य से ईपीएफओ ने एक संशोधित फॉर्म-13 सॉफ्टवेयर व्यवस्था शुरू करके गंतव्य कार्यालय में सभी स्थानांतरण दावों के अनुमोदन की जरूरत खत्म कर दी है।अब एक बार स्थानांतरण दावा स्रोत कार्यालय में स्वीकृत हो जाता है, तो पिछला खाता स्वचालित रूप से गंतव्य कार्यालय में सदस्य के वर्तमान खाते में स्थानांतरित हो जाएगा, जिससे ईपीएफओ के सदस्यों की सुगमता का उद्देश्य पूरा होगा।

सटीक गणना की सुविधा : यह संशोधित व्यवस्था पीएफ संचय के कर-योग्य और गैर-कर योग्य घटकों का विभाजन भी प्रदान करती है, जिससे कर-योग्य पीएफ ब्याज पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की सटीक गणना की सुविधा मिलती है।

क्या होगा लाभ : इससे 1.25 करोड़ से अधिक सदस्यों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे हर साल लगभग 90,000 करोड़ रुपये का स्थानांतरण संभव होगा, क्योंकि इसके बाद संपूर्ण अंतरण प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा, सदस्यों के खातों में धनराशि शीघ्र जमा करने के लिए सदस्य आईडी और अन्य उपलब्ध सदस्य सूचना के आधार पर कई यूएएन को एक साथ तैयार करने की सुविधा भी शुरू की गई है।

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