नयी दिल्ली : देश में अवसरों और अभ्यर्थियों की तैयारी के बीच अंतर बढ़ता जा रहा है। नौकरी ढूंढने वाले सिर्फ 32 प्रतिशत लोग साक्षात्कार के लिए खुद को तैयार मानते हैं। नौकरी मंच अपना.को ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह कहा गया है। नौकरी चाहने वालों के बीच कार्य अनुभव और साक्षात्कार के प्रति आत्मविश्वास के बीच एक मजबूत संबंध है। छह साल से ज्यादा अनुभव वाले लगभग आधे (49 प्रतिशत) उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए अच्छी तरह से तैयार महसूस करते हैं। तीन से छह साल का अनुभव रखने वाले 34 प्रतिशत लोग साक्षात्कार के लिए खुद को तैयार मानते हैं, और एक से तीन साल के अनुभव वाले शुरुआती करियर पेशेवरों के लिए यह आंकड़ा 29 प्रतिशत है।
साक्षात्कार के प्रति आत्मविश्वास : पहली बार नौकरी तलाश करने वालों (फ्रेशर्स) को सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि एक साल से कम के अनुभव वाले केवल 21 प्रतिशत उम्मीदवार खुद को साक्षात्कार के लिए तैयार मानते हैं। चिंता, अप्रत्याशित सवालों का डर और सीमित व्यावहारिक अनुभव इन नए लोगों के आत्मविश्वास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बनकर उभरे हैं।साक्षात्कार के प्रति आत्मविश्वास विभिन्न आयु समूहों में किस तरह से भिन्न होता है। ‘जेन एक्स’ यानी 45 वर्ष से अधिक आयु वालों में सबसे अधिक आत्मविश्वास देखा गया। इनमें 54 प्रतिशत प्रतिभागियों ने साक्षात्कार के लिए खुद को अच्छी तरह से तैयार पाया। ‘मिलेनियल्स’ यानी 25 से 44 वर्ष तक आयु वालों में आत्मविश्वास का स्तर 36 प्रतिशत से कम है, और युवा उम्मीदवारों में यह और भी कम है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : अपना.को के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निर्मित पारिख ने कहा, भारतीय नौकरी बाजार में अपार अवसरों के बावजूद, अकेले अपना.को पर 2025 की पहली तिमाही में 3.1 लाख नौकरियों की सूचना दी गई हैं। कई उम्मीदवार अभी भी आत्मविश्वास के साथ संघर्ष करते हैं और प्रभावी साक्षात्कार की तैयारी के मामले में कमी दिखती हैं। यह अंतर बड़ी संख्या में नौकरी चाहने वालों को उनकी वास्तविक क्षमता को उजागर करने और संभावनाओं को उजागर करने से रोकता है।अंग्रेजी माध्यम की पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा आत्मविश्वास पाया गया, जिनमें 44 प्रतिशत ने साक्षात्कार के लिए पर्याप्त रूप से तैयार होने का अनुभव किया। वहीं हिंदी माध्यम के संस्थानों से 34 प्रतिशत और क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों से निकले अभ्यर्थियों में 26 प्रतिशत ने आत्मविश्वास महसूस किया।