नयी दिल्ली : एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने अपने समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज से लगातार पांचवें साल कोई वेतन नहीं लिया और लाभांश उनकी आय का मुख्य स्रोत बना हुआ है। अंबानी (68) ने वित्त वर्ष 2008-09 से 2019-20 तक अपने वार्षिक पारिश्रमिक को 15 करोड़ रुपये तक सीमित रखा था। उन्होंने कोविड-19 महामारी के बाद वित्त वर्ष 2020-21 से तब तक अपना वेतन छोड़ने का फैसला चुना, जब तक कि कंपनी और उसके सभी कारोबार पूरी तरह से अपनी आय क्षमता पर वापस नहीं आ जाते।
कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में उन्हें वेतन, भत्ते और सेवानिवृत्ति लाभ के रूप में कोई राशि नहीं मिली। दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति, जिनकी कुल संपत्ति लगभग 100 अरब अमेरिकी डॉलर है, के लिए लाभांश आय ही आमदनी का स्रोत है। रिलायंस में उनके सीधे 1.61 करोड़ शेयर हैं।
लाभांश आय : कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए घोषित 5.50 रुपये प्रति शेयर लाभांश के आधार पर उन्हें 8.85 करोड़ रुपये की लाभांश आय मिलती है। जिन प्रवर्तक समूह की कंपनियों पर अंबानी का नियंत्रण है, उनमें उनके पास 664.5 करोड़ शेयर या 50.07 प्रतिशत शेयर हैं, जो 3,655 करोड़ रुपये की लाभांश आय देते हैं।