नयी दिल्लीः एक मई से देश के हर राज्य में एक ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) मौजूद होगा। इस प्रस्ताव पर अमल के लिए वित्त मंत्रालय ने 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के एकीकरण से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के एकीकरण का यह चौथा चरण होगा जिसके पूरा होते ही आरआरबी की संख्या मौजूदा के 43 से घटकर 28 रह जाएगी। देश के 11 राज्यों- आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा एवं राजस्थान में मौजूद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एक इकाई में विलय किया जाएगा। इस तरह ‘एक राज्य-एक आरआरबी’ के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा।इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय की प्रभावी तिथि एक मई, 2025 तय की गई है।
किनका होगा विलयः यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक के रूप में मिला दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मौजूद तीन-तीन आरआरबी का भी एकल इकाई में विलय किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में मौजूद बड़ौदा यू.पी. बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यू.पी. ग्रामीण बैंक को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक नाम की इकाई में मिला दिया गया है, जिसका मुख्यालय बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजन के तहत लखनऊ में होगा। पश्चिम बंगाल में संचालित बंगीय ग्रामीण विकास, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तरबंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक में मिला दिया जाएगा।
इसके अलावा देश के आठ राज्यों- बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में दो-दो आरआरबी को एक में मिलाया जाएगा। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मिलाकर बिहार ग्रामीण बैंक बनेगा जिसका मुख्यालय पटना में होगा। गुजरात में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक को मिलाकर गुजरात ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा।