नयी दिल्ली : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक (MD) आर. दुरईस्वामी ने कहा कि संसद में इस सप्ताह पारित बीमा विधेयक क्षेत्र के विकास के लिए उत्प्रेरक साबित होगा और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीमा पॉलिसियों को अधिक सुलभ एवं किफायती बनाने में मदद करेगा। ‘सबका बीमा सबकी रक्षा’ (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक 2025 पॉलिसीधारकों की सुरक्षा तथा नियामक मजबूती पर जोर देता है। पुरानी व्यवस्थाओं को अद्यतन करके और शासन मानदंडों को मजबूत करके, ये संशोधन बीमा प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही एवं विवेकपूर्ण निगरानी को सुदृढ़ करते हैं। पॉलिसीधारकों के लिए इसका मतलब है मजबूत सुरक्षा उपाय, बेहतर सेवा मानक और दीर्घकालिक बीमा प्रतिबद्धताओं में बढ़ा हुआ विश्वास जो भरोसे पर टिके इस क्षेत्र में एक आवश्यक कारक है।
100 प्रतिशत FDI का रास्ता : संसद ने बुधवार को ‘सबका बीमा सबकी रक्षा’ विधेयक 2025 पारित कर दिया, जिससे बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का रास्ता खुल गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पर बहस के दौरान जवाब देते हुए देश भर में बीमा की पहुंच और जागरूकता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया था। दुरईस्वामी ने कहा कि यह अधिक परिचालन चपलता एवं नवाचार के लिए एक ढांचा प्रदान करता है। इससे बीमाकर्ताओं को सेवानिवृत्ति सुरक्षा, दीर्घायु समाधान और स्वास्थ्य-संबंधी सुरक्षा सहित बीमा की बदलती जरूरतों को पूरा करने वाले लक्षित उत्पादों को तैयार करने एवं वितरित करने की अनुमति मिलती है।
उपभोक्ता हितों की रक्षा : संशोधित ढांचे के तहत भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के लिए परिकल्पित बढ़ी हुई भूमिका व्यवस्थित क्षेत्रीय विकास का मार्गदर्शन करेगी, उपभोक्ता हितों की रक्षा करेगी और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप नवाचार को बढ़ावा देगी। इन सुधारों से एलआईसी को अपनी पहुंच और मजबूत करने, बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने एवं सार्वभौमिक बीमा ‘कवरेज’ के राष्ट्रीय लक्ष्य में सार्थक योगदान देने में मदद मिलेगी।