बिजनेस

मुफ्त राशन ले रहे अपात्र लोगों की होगी छंटनी

मुफ्त राशन योजना में अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए विशेष अभियान

नयी दिल्लीः  आयकर विभाग ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत अपात्र लोगों को लाभार्थियों की सूची से हटाने के लिए आंकड़ों को खाद्य मंत्रालय के साथ साझा करेगा। पीएमजीकेएवाई के तहत उन गरीब परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाता है जो आयकर का भुगतान नहीं करते हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को देश में कोविड-19 महामारी से हुए आर्थिक गतिरोधों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली मुश्किलें कम करने के विशिष्ट उद्देश्य से शुरू किया गया था। सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की अवधि एक जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दी है।

कैसे होगी जांचः आंकड़ा साझा करने की व्यवस्था के मुताबिक, डीजीएलटी (सिस्टम), नयी दिल्ली को डीएफपीडी कर निर्धारण वर्ष के साथ आधार या पैन नंबर मुहैया कराएगा। यदि पैन दिया गया है या दिया गया आधार पैन से जुड़ा हुआ है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) आयकर विभाग के डेटाबेस के अनुरूप निर्धारित आय के संबंध में डीएफपीडी को जवाब देगा। यदि लाभार्थी का आधार नंबर आयकर डेटाबेस में किसी भी पैन से नहीं जुड़ा है, तो डीजीआईटी (सिस्टम) इसकी सूचना डीएफपीडी को देगा। इस तरह के जवाब और सूचना के लेनदेन का तरीका डीजीएलटी (सिस्टम) और डीएफपीडी तय करेंगे।

सूचना पेश करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए डीजीआईटी (सिस्टम) डीएफपीडी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) करेगा। एमओयू में डेटा के हस्तांतरण का तरीका, गोपनीयता बनाए रखना, डेटा के सुरक्षित संरक्षण के लिए तंत्र, उपयोग के बाद छंटाई आदि शामिल होंगे।

SCROLL FOR NEXT