नयी दिल्ली : डेलॉयट इंडिया ने कहा कि मजबूत घरेलू बुनियाद और बढ़ते वैश्विक अवसरों के साथ चालू वित्त वर्ष (2025-26) में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.4 से 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसने यह भी कहा कि भारत को अपने व्यापार जोखिम पर नजर रखनी चाहिए और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं से उत्पन्न नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। रणनीतिक व्यापार वार्ताएं आय, रोजगार, बाजार पहुंच और घरेलू मांग को बढ़ाने वाले शक्तिशाली कारकों के रूप में काम करेंगी। इन वार्ताओं में ब्रिटेन के साथ हुए व्यापार समझौते के अलावा अमेरिका के साथ जारी बातचीत और वर्ष के अंत तक यूरोपीय संघ के साथ बहुप्रतीक्षित समझौता शामिल हैं। भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही थी।
साहसिक कदम पर आधारित : डेलॉयट ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.4 से 6.7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान है। यह अनुमान मजबूत घरेलू मांग, कम होती महंगाई और घरेलू नीति व वैश्विक व्यापार कूटनीति में साहसिक कदम पर आधारित है।
क्या है स्थिति : डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, ‘भारत की आर्थिक वृद्धि उतार-चढ़ाव वाले वैश्विक परिदृश्य में भी अलग ही नजर आती है। हमारी गति मजबूत पूंजी बाजार, गतिशील उपभोक्ता आधार और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी कार्यबल के जरिये संचालित है।’भारत अपनी वैश्विक व्यापार उपस्थिति का विस्तार करने के लिए रणनीतिक कदम उठा रहा है। हाल के व्यापार समझौते रणनीतिक लाभ प्रदान करते हैं। इससे कृत्रिम मेधा, डिजिटल बदलाव और नवोन्मेष आधारित स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग और प्रगाढ़ होने की संभावना है।
तैयार रहना चाहिए : वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान, भारत को अपने व्यापार जोखिम पर नजर रखनी चाहिए और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के परिणामों के लिए तैयार रहना चाहिए। हाल के क्षेत्रीय संघर्ष और महत्वपूर्ण खनिजों और विशिष्ट उर्वरकों पर प्रतिबंधों से वृद्धि संभावनाओं पर असर पड़ने की आशंका है। अनिश्चितताओं के बीच, भारत की वृद्धि गाथा मजबूत घरेलू बुनियादी ढांचे और बढ़ते वैश्विक अवसरों से आगे बढ़ेगी।