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भारत चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर

नयी दिल्ली : पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि भारत कुछ समय में भले ही चौथी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन देश के लोगों को वास्तव में तभी ‘विकसित’ और आर्थिक रूप से बेहतर माना जा सकता है जब उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी और इस मामले में कोई अच्छा सुधार नहीं हुआ है। 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 2,450 डॉलर (लगभग 2,09,622 रुपये) थी और इस मामले में देश 150वें स्थान पर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों को देखा जाए तो भारत अभी चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं बना है।

क्या है मामला : नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने हाल में कहा था कि भारत, जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हालांकि, बाद में नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने इसका खंडन किया था। गर्ग ने कहा, ‘आईएमएफ देशों के जीडीपी को मौजूदा अमेरिकी डॉलर में मापता है। मुद्रा कोष के 2024-25 के लिए विश्व आर्थिक परिदृश्य आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी 3,910 अरब डॉलर है जबकि यह जापान के मामले में 4,030 अरब डॉलर है। भारत अभी जापान से आगे नहीं निकला है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही और इसके साथ अर्थव्यवस्था का आकार 3,900 अरब डॉलर (330.68 लाख करोड़) रहा।

क्या है स्थिति : आईएमएफ अगले छह साल के आंकड़ों का भी अनुमान लगाता है। अभी तक अनुमान 2030 (भारत 2030-31) तक के हैं। आईएमएफ ने 2025 में भारत की जीडीपी 4,197 अरब डॉलर (4.197 ट्रिलियन डॉलर) होने का अनुमान लगाया है, जबकि जापान की जीडीपी (वैसे जापान की जीडीपी पिछले 25 वर्षों में अमेरिकी डॉलर के हिसाब से काफी कम हुई है) 4,196 अरब डॉलर (4.196 ट्रिलियन डॉलर) होने का अनुमान है। भारत 2025-26 या 2026-27 में जापान से आगे निकल सकता है। आईएमएफ के 2024 के विश्व आर्थिक परिदृश्य के आंकड़ों के अनुसार, तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका, चीन और जर्मनी के जीडीपी का आकार क्रमश: करीब 29,180 अरब डॉलर, 18,750 अरब डॉलर तथा 4,660 अरब डॉलर था। वहीं अप्रैल, 2025 (2025-26) के आंकड़ों के अनुसार, इसके क्रमश: 30,510, 19,230 अरब डॉलर तथा 4,740 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।

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