भारत, कनाडा 
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भारत, कनाडा ने व्यापार समझौते की रूपरेखा, तौर-तरीकों पर चर्चा की

द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाना है उद्देश्य

नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनिंदर सिद्धू ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की रूपरेखा, उद्देश्यों और तौर-तरीकों पर चर्चा की। दोनों पक्ष हाल ही में इस समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) कहा जाता है। इसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाना है। गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, कनाडा के साथ व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मंत्री सिद्धू के साथ सार्थक बातचीत हुई। हमने CEPA वार्ता शुरू करने की तैयारियों के तहत समग्र दृष्टिकोण, रूपरेखा, व्यापक उद्देश्यों और तौर-तरीकों पर शुरुआती और व्यापक चर्चा की।उन्होंने अगले साल कनाडा में एक उच्च-स्तरीय व्यापार और निवेश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने पर भी सहमति जतायी।

व्यापार की स्थिति : कनाडा को भारत का निर्यात 2024-25 में 9.8 प्रतिशत बढ़कर 4.22 अरब डॉलर रहा जो 2023-24 में 3.84 अरब डॉलर था। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में आयात 2.33 प्रतिशत घटकर 4.44 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 4.55 अरब डॉलर था। भारत और कनाडा के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 18.38 अरब डॉलर का था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में, कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। उसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई थी। उसके बाद कनाडा ने भारत के साथ समझौते पर बातचीत रोक दी थी।

CEPA एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता : CEPA एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता है जिसके तहत दो देश अपने बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या समाप्त कर देते हैं। ये समझौते कुशल पेशेवरों की आवाजाही के मानदंडों को भी आसान बनाते हैं और निवेश आकर्षित करते हैं। इससे पहले, प्रस्तावित समझौते पर दोनों देशों के बीच छह से ज्यादा दौर की बातचीत हो चुकी थी।

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