नयी दिल्ली : इस सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों, व्यापार शुल्क को लेकर जारी अनिश्चितताओं और चीन के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से पहले सोने की कीमतों में सुधार जारी रहने की उम्मीद है। विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारी मौद्रिक नीति पर स्पष्टता के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर भी कड़ी नजर रखेंगे। इससे निकट भविष्य में सर्राफा कीमतों की दिशा तय होने की संभावना है।
क्या है संभावना : जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के ईबीजी - जिंस एवं मुद्रा शोध के उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, सोने की कीमतों में स्वस्थ गिरावट या और सुधार की उम्मीद है, क्योंकि सभी का ध्यान मुद्रास्फीति के आंकड़ों, शुल्क पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, फेड अधिकारियों के भाषणों और चीनी आंकड़ों पर रहेगा।सोने की कीमतें इस सप्ताह थोड़ी कम हुई, लेकिन यह धातु मोटे तौर पर एक सीमित दायरे में ही रही। मजबूत डॉलर और सुस्त भौतिक मांग के कारण इसकी बढ़त सीमित रही। खुदरा खरीदार कीमतों में और गिरावट की आशंका में बाजार से दूर हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव पिछले सप्ताह 165 रुपये या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
क्या है स्थिति : एंजल वन के डीवीपी (शोध, गैर-कृषि जिंस एवं मुद्रा) प्रथमेश माल्या ने कहा, इस दौरान एमसीएक्स पर सोने का वायदा भाव 1,17,000-1,22,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहा। अमेरिकी श्रम बाजार की कमजोर रिपोर्ट, सुरक्षित निवेश की मांग, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और केंद्रीय बैंक की खरीदारी से निकट भविष्य में सोने की कीमत प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘सोना 1979 के बाद से अपनी वार्षिक वृद्धि की राह पर है, और अगर मौजूदा बुनियादी कारक प्रभावी रहे तो जल्द ही सोने की कीमतों में और तेजी आ सकती है।’’