नयी दिल्ली : एक सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति के रूप में सोना अपनी मजबूती बनाये हुए है। 2025 की पहली छमाही में इस बहुमूल्य धातु ने निवेशकों को लगभग 27 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, सोना एक सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति के रूप में अपनी पारंपरिक मजबूती बनाये हुए है। एमसीएक्स में सोना इस साल की पहली छमाही में करीब 27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 76,772 रुपये प्रति 10 ग्राम से जून, 2025 के अंत में 96,075 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। और अगर हम चालू वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल, 2025 से बात करें, तो सोने ने निवेशकों को लगभग 33 प्रतिशत का उल्लेखनीय रिटर्न दिया है। पिछले साल के बेहतर रिटर्न के साथ यह सभी परिसंपत्ति वर्गों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले निवेश उत्पादों में से एक बन गया है।
निवेश रणनीतिक और अनुशासित होना चाहिए : कलंत्री ने कहा, ‘2025 की पहली छमाही निश्चित रूप से सोने के लिए अनुकूल थी, लेकिन अब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ, सोने की कीमतों में कमी आ सकती है। अल्पकाल के लिए निवेश करने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा चांदी में लगाने पर विचार कर सकते हैं। औद्योगिक सुधार और आर्थिक विस्तार से चांदी में अधिक लाभ हो सकता है। लेकिन निवेश रणनीतिक और अनुशासित होना चाहिए।
लंबी अवधि के नजरिये से निवेश : मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस, मुद्रा शोध) मानव मोदी ने भी कहा, ‘मौजूदा तेजी लंबी खिंचती दिख रही है। कीमतें फिर से बढ़ने से पहले कुछ समय के लिए थम सकती हैं और इसमें कुछ गिरावट आ सकती है, जिसका इस्तेमाल लंबी अवधि के नजरिये से निवेश के लिए किया जा सकता है।’
क्या है स्थिति : विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न देशों खासकर उभरती अर्थव्यवस्थाओं में केंद्रीय बैंकों की सोने की आक्रामक खरीद, वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने, अमेरिकी डॉलर सूचकांक में कमजोर रुख, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर घटाने की उम्मीद, महंगाई और नरमी को लेकर चिंता के बीच गोल्ड ईटीएफ में मजबूत निवेश के साथ भारत तथा चीन में अच्छी खुदरा मांग से इस साल मूल्यवान धातु के दाम में तेजी आई है।