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वैश्विक दबाव में सोना गिरा, चांदी में तेजी; निवेशकों का सतर्क रुख

वैश्विक दबाव और कमजोर अमेरिकी आंकड़ों से सोने में गिरावट, चांदी में मजबूती बरकरार

नई दिल्ली: वायदा बाजार में बृहस्पतिवार को सोने के भाव में 88 रुपये प्रति 10 ग्राम की मामूली गिरावट आई जबकि चांदी में 320 रुपये प्रति किलो की तेजी रही। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख तथा कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के साथ निवेशकों ने कारोबार में सतर्क रुख अपनाया।

MCX में क्या रहा भाव ?

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 88 रुपये यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,30,374 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। इसमें 13,122 लॉट के लिए कारोबार हुआ। हालांकि, मार्च 2026 अनुबंध के लिए चांदी वायदा भाव 320 रुपये यानी 0.18 प्रतिशत बढ़कर 1,82,672 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। इसमें 13,820 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना की स्थिति

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में, कॉमेक्स पर फरवरी डिलीवरी वाला सोना वायदा 0.15 प्रतिशत टूटकर 4,225.95 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि मार्च अनुबंध वाली चांदी 0.25 प्रतिशत बढ़कर 58.76 डॉलर प्रति औंस हो गई। बुधवार को यह 59.65 डॉलर प्रति औंस के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।

राहुल कलंत्री ने कहा

मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘सोने में तेज उतार-चढ़ाव रहा। इसमें दिन के निचले स्तर से उछाल आया, लेकिन बढ़त बरकरार नहीं रह सकी।’’ एडीपी राष्ट्रीय रोजगार रिपोर्ट आर्थिक आंकड़ों की एक मासिक रिपोर्ट है जो अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र में निजी रोजगार के स्तर को बताती है। कलंत्री ने कहा, ‘‘कमजोर आंकड़ों ने डॉलर सूचकांक को 99 के स्तर से नीचे ला दिया। इससे कीमती धातुओं को और गति मिली। जैसे-जैसे आर्थिक अनिश्चितता गहराती जा रही है, निवेशक सोने की सुरक्षित निवेश क्षमता पर भरोसा कर रहे हैं।’’

जिगर त्रिवेदी ने कहा

रिलायंस सिक्योरिटीज़ के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी ने कहा कि निवेशक अब फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के बारे में नई जानकारी के लिए शुक्रवार को सितंबर के व्यक्तिगत उपभोग व्यय (पीसीई) मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। विश्लेषकों ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर और जोखिम से बचने के रुख से सर्राफा की कीमतों को समर्थन मिल रहा है। बाजार सहभागियों के आगे की दिशा के लिए आगामी आंकड़ों और केंद्रीय बैंक अधिकारियों के टिप्पणियों पर नजर रखने के कारण अस्थिरता जारी रह सकती है।

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