लंदन : भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता को अंतिम रूप देते समय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को ब्रिटेन के उनके समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स ने ‘चॉकलेट आइसक्रीम’ खिलाई थी। दोनों नेताओं के बीच पिछले महीने लंदन के हाइड पार्क में टहलते हुए इस ऐतिहासिक समझौते पर सहमति बनी थी।
टहलने के लिए आमंत्रित किया : ‘इंडिया ग्लोबल फोरम (आईजीएफ) यूके-इंडिया वीक’ शिखर सम्मेलन से इतर गोयल ने रेनॉल्ड्स के साथ हुई बातचीत और उनके आइसक्रीम खिलाने की बात का जिक्र किया और मजाकिया अंदाज में कहा, अब मुझपर उनका उधार है। जब मुझे रेनॉल्ड्स का संदेश मिला...जिसमें उन्होंने मुझे (दो मई को) हाइड पार्क में टहलने के लिए आमंत्रित किया था....(उन्हें पता है कि मुझे लंदन में वहां टहलना काफी पसंद है) मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि हम मुक्त व्यापार समझौते और दोहरे अंशदान सम्मेलन (डीसीसी) समझौते को अंतिम रूप देने से संबंधित कुछ लंबित मुद्दों पर बात करेंगे।
बारीकियों को सुलझाने में सक्षम हुए : वहां टहलने के दौरान हम बहुत ही व्यावहारिक तरीके से बारीकियों को सुलझाने में सक्षम हुए जो दोनों देशों के लिए उचित व संतुलित था। इससे दोनों देशों के व्यवसायों और लोगों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।’ दोनों पक्षों ने छह मई को पुष्टि की थी कि जनवरी 2022 में शुरू हुई एफटीए वार्ता संपन्न हो गई है और 2030 तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
क्या होगा लाभ : गोयल ने कहा, ‘ मुक्त व्यापार समझौता दो देशों के बीच आर्थिक स्थितियों में स्थिरता लाता है। यह व्यापारियों को भरोसा दिलाएगा कि शुल्क दरें स्थिर रहेंगी। दोनों देशों के बीच दोस्ती को लेकर निश्चितता आएगी, कारोबारी माहौल का अंदाजा लगाना आसान होगा जिससे यह द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करता है। साथ ही, निश्चित रूप से वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देता है। यह सहयोग और संयुक्त उद्यमों को भी प्रोत्साहित करता है, जहां आप न केवल एक-दूसरे के बाजारों पर नजर रखते हैं, बल्कि आप एक साथ विश्व बाजारों पर कब्जा करने की भी कोशिश करते हैं।’
लागू होने की समयसीमा : एफटीए के लागू होने की समयसीमा के बारे में उन्होंने कहा, ‘ मेरा मानना है कि ब्रिटेन की संसद द्वारा उनकी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद बहुत जल्द इसे एक लागू करने योग्य समझौते का रूप दे दिया जाएगा। भारत में हमारी प्रक्रिया तुलनात्मक रूप से काफी तेज है, इसलिए जैसे ही कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और दस्तावेज तैयार हो जाएगा, हम (इसे लागू करने के लिए) तैयार होंगे...।’