नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को सरकार ने तीन साल के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कार्यकारी निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। वह के वी. सुब्रमण्यम का स्थान लेंगे, जिनकी सेवाएं सरकार ने उनके तीन साल के कार्यकाल से छह महीने पहले 30 अप्रैल 2025 को समाप्त कर दी थीं। एक सरकारी आदेश के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अर्थशास्त्री एवं भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को आईएमएफ में कार्यकारी निदेशक (ईडी) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक रहेगी। आईएमएफ का कार्यकारी निदेशक मंडल, सदस्य देशों या देशों के समूहों द्वारा चुने गए 25 निदेशकों (कार्यकारी निदेशकों या ईडी) से बनता है।भारत चार देशों के निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है जिसके अन्य सदस्य बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान हैं।
कहां कार्य कर रहे थे : इस नियुक्ति से पहले पटेल एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) में निवेश परिचालन (क्षेत्र 1) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। बीजिंग (चीन) स्थित बहुपक्षीय वित्त पोषण संस्थान के अनुसार, पारिवारिक स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने जनवरी 2024 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पटेल ने 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 24वें गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था। दिसंबर 2018 में केंद्रीय बैंक द्वारा सरकार को लाभांश हस्तांतरण के मुद्दे पर सरकार के साथ टकराव के बीच उन्होंने अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था।
कहां-कहां कार्य किया : पटेल का जन्म 1963 में हुआ था। उन्होंने 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय के सलाहकार के रूप में भी काम किया। उन्होंने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में अन्य कार्यभार भी संभाले जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम शामिल हैं।पटेल ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1986 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम.फिल. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1990 में येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।इसके बाद, वह आईएमएफ में शामिल हो गए और 1990 से 1995 तक वहां काम किया।