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वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद बढ़ेगा निर्यात

वैश्विक व्यापार में चुनौतियों के बावजूद भारत का निर्यात बढ़ने की संभावना

नयी दिल्लीः वैश्विक व्यापार और शुल्क संबंधी अनिश्चितताओं के बावजूद आने वाले वर्षों में भारत का निर्यात बढ़ना तय है।विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि निर्यातकों को वर्तमान वैश्विक व्यापार परिदृश्य के अनुरूप व्यावहारिक और समझदारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।वर्तमान परिदृश्य भारत के लिए कई तरह के काम करने का ‘‘स्वर्णिम’’ अवसर प्रस्तुत करता है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा तथा विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। ‘सोर्सएक्स इंडिया-2025’ कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने किया।

क्या है मामलाः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने चीन जैसे देशों पर जवाबी शुल्क या आयात शुल्क लगाया है और भारत पर दो अप्रैल से ऐसे शुल्क लागू करने की घोषणा की है। कुछ निर्यातकों ने चिंता जाहिर की है कि इंजीनियरिंग तथा दवा जैसे क्षेत्रों पर अमेरिका द्वारा शुल्क लगाए जाने से अमेरिका को निर्यात प्रभावित होगा, जो भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

क्या है स्थितिः सारंगी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का वस्तुओं व सेवाओं का निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह 778 ​​अरब डॉलर था। उन्होंने कहा, ‘‘ हम हाल के महीनों में निर्यात में अस्थायी गिरावट देख रहे हैं। हालांकि, दीर्घावधि में हमारे निर्यातक समुदाय हमें यह आभास दे रहे हैं कि ऑर्डर को लेकर उनसे हासिल की जा रही जानकारियां काफी सकारात्मक है। मुझे विश्वास है कि हमारे निर्यात में वर्तमान स्तर की तुलना में वृद्धि होगी।कारोबार सुगमता और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं जैसे कदमों से घरेलू उद्योग को समर्थन मिल रहा है। भारत का वस्तु निर्यात फरवरी में लगातार चौथे महीने 10.85 प्रतिशत घटकर 36.91 अरब डॉलर रह गया था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-फरवरी के दौरान यह 395.63 अरब डॉलर था। इस अवधि में सेवाओं का निर्यात 354.90 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।

क्या कहते हैं निर्यातकः फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि शुल्क संबंधी चिंताओं के बावजूद, भारत के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर दर्ज की जाएगी। ऑर्डर बुक काफी मजबूत है और शुल्क अनिश्चितताओं के दूर होने से निर्यात में और तेजी आएगी।

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