नयी दिल्ली : दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे बंदरगाहों के जरिए भारत से हर साल 10 अरब डॉलर से ज्यादा का माल अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान पहुंच रहा है। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई ने यह अनुमान जताया। भारतीय कंपनियां इन बंदरगाहों पर सामान भेजती हैं, जहां एक स्वतंत्र कंपनी खेप को उतारती है और उन्हें बॉन्डेड वेयरहाउस में रखती है। यहां माल को ट्रांजिट के दौरान शुल्क का भुगतान किए बिना रखा जा सकता है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि
बदले जाते हैं दस्तावेज : इसके बाद माल के लेबल और दस्तावेजों को मूल देश से अलग दिखाने के लिए संशोधित किया जाता। ऐसे में लगता है कि माल किसी तीसरे देश से आ रहा है और फिर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।
क्या कहते हैं विश्लेषक : जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, हालांकि, यह मॉडल हमेशा अवैध नहीं होता है, लेकिन यह गुमराह करने जैसा है। इससे पता चलता है कि कैसे कारोबारी व्यापार जारी रखने के लिए रचनात्मक तरीके खोजते हैं। कई बार उनकी चाल सरकारों की प्रतिक्रिया से भी तेज होती है।उन्होंने कहा कि जीटीआरआई का अनुमान है कि इस मार्ग से सालाना 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का सामान भारत से पाकिस्तान पहुंचता है।