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विदेशी निवेशक कर रहे बिकवाली फिर भी देश की 5 शीर्ष कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 72,285 करोड़ रुपये बढ़ा

दिसंबर के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने 11,820 करोड़ रुपये निकाले

नई दिल्ली: देश की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में पांच का कुल बाजार मूल्यांकन पिछले हफ्ते 72,284.74 करोड़ रुपये बढ़ गया। इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इंफोसिस को सबसे अधिक लाभ हुआ। इस दौरान भारती एयरटेल, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस और बजाज फाइनेंस का मूल्यांकन बढ़ा, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, लार्सन एंड टुब्रो और एलआईसी में गिरावट हुई।

पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स महज 5.7 अंक चढ़ा, जबकि एनएसई निफ्टी 16.5 अंक गिरा। इस दौरान टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 35,909.52 करोड़ रुपये बढ़कर 11,71,862.37 करोड़ रुपये हो गया। इंफोसिस का मूल्यांकन 23,404.55 करोड़ रुपये बढ़कर 6,71,366.53 करोड़ रुपये हो गया।

बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 6,720.28 करोड़ रुपये बढ़कर 6,52,396.39 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल का मूल्यांकन 3,791.9 करोड़ रुपये बढ़कर 12,01,832.74 करोड़ रुपये हो गया। दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 35,116.76 करोड़ रुपये घटकर 20,85,218.71 करोड़ रुपये रह गया। रिलायंस सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है।

विदेशी निवेशक रहे बिकवाल

इस महीने के पहले हफ्ते में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 11,820 करोड़ रुपये निकाले। इसका मुख्य कारण रुपये का तेज अवमूल्यन है। नवंबर में 3,765 करोड़ रुपये की निकासी के बाद ये तेज बिकवाली हुई है और इससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।

अक्टूबर में की थी लिवाली

विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में 14,610 करोड़ रुपये की लिवाली की थी, जिससे तीन महीने की भारी बिकवाली का सिलसिला टूटा था। सितंबर में 23,885 करोड़ रुपये, अगस्त में 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई में 17,700 करोड़ रुपये निकाले गए थे। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार इस महीने के पहले हफ्ते में एफपीआई ने इक्विटी से 11,820 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। इससे 2025 में कुल निकासी 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गई।

मुद्रा संबंधी चिंताओं ने भरोसा तोड़ा

विश्लेषकों के अनुसार ताजा बिकवाली का मुख्य कारण मुद्रा संबंधी चिंताएं हैं। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इस साल रुपया करीब पांच प्रतिशत कमजोर हुआ है, जिस वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।

हालांकि एफपीआई की निकासी के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की मजबूत खरीदारी से बाजार को सहारा मिला। इसी अवधि में डीआईआई ने 19,783 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

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