नयी दिल्ली : रेटिंग एजेंसी इक्रा ने 31 मार्च को समाप्त तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के फरवरी में जताये गये अनुमान से कम है। एनएसओ ने फरवरी में 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।आर्थिक वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष की जून, सितंबर और दिसंबर तिमाही में क्रमशः 6.5 प्रतिशत, 5.6 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत रही है।वित्त वर्ष 2024-25 में एनएसओ के 6.5 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान को हासिल करने के लिए, मार्च यानी चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत होनी चाहिए। एनएसओ 31 मई को वित्त वर्ष 2024-25 के सकल घरेलू उत्पाद और चौथी तिमाही के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान जारी करने वाला है।
निजी खपत और निवेश : इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में निजी खपत और निवेश गतिविधि के रुझान दोनों असमान रहे। इसका एक कारण खासकर निवेश के मामले में शुल्क संबंधित अनिश्चितता थी।सेवा क्षेत्र के निर्यात में दहाई अंक में वृद्धि जारी रही। वहीं दिसंबर तिमाही में वृद्धि के बाद वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में वस्तु निर्यात में सालाना आधार पर कमी आई।