मुंबई : मजबूत अमेरिकी डॉलर, कमजोर घरेलू बाजारों और अमेरिकी फ़ेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख़ के चलते रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 47 पैसे गिरकर 88.69 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी फ़ेडरल रिजर्व ने अपनी फ़ेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक में ब्याज दर में 0.25 अंक की कटौती की है। हालांकि, फ़ेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पावेल की टिप्पणी आक्रामक रही, जिससे दिसंबर के लिए ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गईं। इसके अलावा, पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (OMC) की ओर से मासांत की डॉलर मांग और विदेशी पूंजी की निकासी भी रुपये पर दबाव डाल सकती है।
क्या रही स्थिति : अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाज़ार में, रुपया 88.37 पर खुला और बाद में कारोबार के दौरान 88.74 के दिन के निचले स्तर तक गिर गया। अंत में, स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुक़ाबले 88.69 पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से 47 पैसे की गिरावट है। बुधवार को रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले सात पैसे बढ़कर 88.22 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
क्या कहते हैं विश्लेषक : मिराए एसेट शेयरखान के मुद्रा एवं जिंस के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, हमें उम्मीद है कि मजबूत डॉलर, कमजोर घरेलू बाजारों और फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के कारण रुपया थोड़े नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। मासांत में तेल विपणन कंपनियों की डॉलर मांग भी रुपये पर दबाव डाल सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने उम्मीद के मुताबिक दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। हालांकि, फेडरल रिजर्व के प्रमुख पावेल ने कहा कि दिसंबर में दरों में कटौती कोई पूर्व-निर्धारित निष्कर्ष नहीं है, क्योंकि मुद्रास्फीति लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है और श्रम बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।
बाजार उम्मीदें : व्यापारियों ने कहा कि पावेल की टिप्पणी के बाद, दिसंबर में दरों में कटौती की बाजार उम्मीदें तेजी से गिर गईं, जिससे अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि हुई और डॉलर में मजबूती आई। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.09 प्रतिशत गिरकर 99.12 रह गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.65 प्रतिशत गिरकर 64.50 डॉलर प्रति बैरल रह गया।