नयी दिल्ली : वाहन उद्योग जगत से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे उन ग्राहकों को अतिरिक्त छूट देने पर विचार करें जो नई गाड़ी खरीदते समय अपने पुराने वाहन को कबाड़ में बदलने का प्रमाणपत्र जमा करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह भी अनुरोध किया है कि जो लोग अपने पुराने वाहन को कबाड़ में बदलकर नई गाड़ी खरीदते हैं, उन्हें जीएसटी में राहत दी जाए।
वाहन स्क्रैप नीति : वाहन स्क्रैप नीति पर, गडकरी ने कहा कि यह उद्योग और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे निजी क्षेत्र को स्क्रैप धातुओं की उपलब्धता में भी मदद मिल सकती है, जिन्हें आयात किया जाता है। वर्तमान में, औसतन 16,830 पुराने वाहन हर महीने कबाड़ में बदले जा रहे हैं और निजी क्षेत्र ने 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
एथनॉल के खिलाफ अभियान पर दिया जवाब : उन्होंने ई20 ईंधन (20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल) के खिलाफ जारी सोशल मीडिया प्रचार को राजनीतिक रूप से उनके खिलाफ बताया और कहा, ‘यह प्रचार एक पैसे लेकर (पेड कैंपेन) शुरू किया गया अभियान था, जो खास तौर पर एथनॉल के खिलाफ था और मेरा राजनीतिक विरोध करने के लिए किया गया।’
राजनीतिक रूप से निशाना : उन्होंने यहां सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के वार्षिक सम्मेलन में कहा, ‘यह सोशल मीडिया अभियान एक सशुल्क अभियान था। यह एथनॉल के खिलाफ था और इसका उद्देश्य मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाना था।’
क्या है मामला : कांग्रेस ने हाल ही में गडकरी के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं। उसका दावा है कि गडकरी एथनॉल उत्पादन के लिए आक्रामक रूप से पैरवी कर रहे थे, जबकि जबकि उनके दो पुत्र एथनॉल उत्पादन करने वाली कंपनियों में शामिल हैं और सरकार की नीति से लाभ उठा रहे हैं।