नयी दिल्ली : भारत का सहकारी क्षेत्र इस साल के अंत तक भारत ब्रांड के तहत टैक्सी सेवा शुरू करके ओला और उबर जैसी दिग्गज कम्पनियों को चुनौती देने के लिए तैयार है। इस सेवा को 300 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी प्राप्त है और चार राज्यों में 200 ड्राइवरों (चालकों) को पहले ही इससे जोड़ा जा चुका है। छह जून को पंजीकृत बहु-राज्य सहकारी टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) सहित आठ प्रमुख सहकारी समितियों के एक संघ का प्रतिनिधित्व करता है।
2025 के अंत तक सेवा शुरू : पिछले महीने, सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस क्षेत्र के लिए एक व्यापक सहकारी नीति का अनावरण करते हुए संकेत दिया था कि 2025 के अंत तक एक सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी। एनसीडीसी के उप प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता ने बताया, मुख्य उद्देश्य ड्राइवरों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करना और यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और किफायती सेवाएं प्रदान करना है।
संस्थापक सदस्य : यह उद्यम बिना किसी सरकारी हिस्सेदारी के संचालित होता है और पूरी तरह से सहभागी सहकारी समितियों द्वारा वित्त पोषित है। इसके संस्थापक सदस्यों में कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) भी शामिल हैं।