भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा 
बिजनेस

UPI से होते हैं 85% डिजिटल भुगतान : आरबीआई गवर्नर

भारत डिजिटल बदलाव में तेजी लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध

नयी दिल्ली : भारत में लगभग 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान UPI के माध्यम से होते हैं। वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों के दौरान RBI द्वारा आयोजित ‘डिजिटल सार्वजनिक मंच’ (DPP) के माध्यम से आर्थिक मजबूती बनाने पर उच्च-स्तरीय बातचीत’ में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह कहा। DPP समावेशी वृद्धि और नवाचार का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। डिजिटल पहचान (आधार) और तुंरत भुगतान (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस... UPI) ने सफलतापूर्वक यह प्रदर्शित किया है कि बड़े पैमाने पर मजबूत, लागत-प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली कैसे बनाई जाए।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध : ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सच्ची भावना के अनुरूप, भारत डिजिटल बदलाव में तेजी लाने के लिए ऐसे मंच के इर्द-गिर्द अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारे लिए, मार्गदर्शक सिद्धांत सार्वजनिक क्षेत्र में ऐसे मंच का निर्माण करना रहा है जो जनहित के रूप में उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ और बिना किसी लाभ के उद्देश्य से हों...। भारत समावेशी और सुरक्षित DPP के मामले में एक उदाहरण है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयां इन मंच का लाभ उठाकर कर्ज, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, कृषि और कई अन्य क्षेत्रों में इसका उपयोग तेजी से विकसित कर सकती हैं। UPI एक महत्वपूर्ण डिजिटल सार्वजनिक मंच है।

भुगतान परिदृश्य को बदला : UPI ने भुगतान परिदृश्य को बदल दिया है। यह बैंकों के एक खाते से दूसरे खाते में वास्तविक समय में, कुशलतापूर्वक अंतरण को सक्षम बनाता है। हर महीने लगभग 20 अरब लेनदेन UPI के जरिये हो रहे हैं, जिनका मूल्य 280 अरब डॉलर से अधिक है। सही मायने में UPI वित्तीय समावेश को गति दे रहा है। छोटे विक्रेता और सूक्ष्म उद्यम अब डिजिटल रूप से भुगतान स्वीकार कर सकते हैं। इससे उनका वित्तीय ब्योरा उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें बहुत कम लागत पर वित्तीय संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। डीपीपी के लाभ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना के साथ पूरी दुनिया को मिलने चाहिए। यही भारत की G20 अध्यक्षता का भी विषय था।

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