वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बजट पेश। 
बिहार

सीतारमण जी का मेरी उपहार दी गई साड़ी पहनना ‘सपना सच होने जैसा’ : दुलारी देवी

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार दुलारी देवी

पटना/नई दिल्ली : पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कलाकार दुलारी देवी के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वरा शनिवार को बजट पेश करते समय उनके द्वारा उपहार में दी गई मधुबनी चित्रशैली वाली साड़ी पहनना ‘सपना सच होने’ जैसा है।

सीतारमण ने बजट पेश करते समय मछली की आकृति वाली कढ़ाई और सुनहरी किनारी वाली हल्के सफेद रंग की हथकरघा से बनी रेशम की साड़ी पहनी थी। बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी कलाकार देवी ने बताया, सीतारमण जी ने दो महीने पहले मेरे द्वारा उपहार में दी गई साड़ी पहनकर मधुबनी कला को एक बड़ा सम्मान दिया है। दो महीने पहले मधुबनी में मिथिला कला संस्थान में आयोजित ऋण वितरण कार्यक्रम में उन्हें यह साड़ी भेंट करते हुए अनुरोध किया था कि वे इसे बजट के दिन पहनें। उन्होंने मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया। यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। देवी ने बताया कि साड़ी तैयार करने में एक महीने से अधिक का समय लगा। मधुबनी जिले के रांती गांव की निवासी देवी को कला में उनके योगदान के लिए 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

देवी मधुबनी चित्रशैली की ‘कछनी’ (रेखाचित्र) और ‘भरनी’ (रंगीन) दोनों शैलियों में पांरगत हैं। विशेषज्ञों ने उनके काम को ‘सामुदायिक परंपराओं को आधुनिक विषयों के साथ जोड़ने’ के रूप में वर्णित किया है। उनके काम की विस्तृत जानकारी कुछ विश्वविद्यालयों में संचालित मैथिली भाषा के पाठक्रम सामग्री के हिस्से के रूप में दी गई है। देवी ने भारत में केंद्र और राज्य सरकारों के लिए कई भित्ति चित्र बनाए हैं और बच्चों को मधुबनी कला तकनीक सिखाती हैं। वह मधुबनी में मिथिला कला संस्थान में प्रशिक्षक भी हैं।

कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभाव को दर्शाने वाली उनकी पेंटिंग को कई विदेशी विश्वविद्यालयों ने भी अधिग्रहित किया है। सीतारमण के मधुबनी चित्रशैली युक्त साड़ी पहनने पर टिप्पणी करते हुए बिहार के उद्योग विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में केंद्रीय बजट-2025 पेश करने के लिए पद्मश्री दुलारी देवी द्वारा बनाई गई मधुबनी साड़ी पहनी। जब हमने बिहार संग्रहालय, पटना में महिला और कला प्रदर्शनी का आयोजन किया था, तब मुझे दुलारी देवी और अन्य लोगों से मिलने का सौभाग्य मिला था। शानदार कार्य।

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