तेजस्वी यादव 
बिहार

तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग का नोटिस

उनके मतदाता पहचान पत्र की असली प्रति और एपिक नंबर की मांग

पटना : निर्वाचन आयोग ने बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव को 2 मतदाता पहचान पत्रों की जांच के लिए नोटिस जारी किया है। आयोग ने तेजस्वी यादव से उनके द्वारा दिखाए गए मतदाता पहचान पत्र की असली प्रति और एपिक नंबर की मांग की है। तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटाया गया और एपिक नंबर बदल दिया गया है। निर्वाचन आयोग ने बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर उनके द्वारा संवाददाता सम्मेलन में दिखाए गए मतदाता पहचान पत्र की मांग की है, ताकि उसकी जांच हो सके। आयोग ने कहा कि तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने जो एपिक नंबर दिखाया था वह वैद्य नहीं है। जानकारी हो कि बिहार में एसआईआर के बाद जारी ड्राफ्ट रोल पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था कि मेरा नाम काट दिया गया है। बाद में जब प्रशासन ने तेजस्वी के दावे का खंडन किया तो तेजस्वी ने कह दिया कि मेरा एपिक नंबर बदल दिया गया है। नोटिस में यह भी पूछा गया है कि उनके पास दो-दो मतदाता पहचान पत्र हैं और उस पर अलग-अलग एपिक हैं तो यह कैसे हुआ, इसका जवाब दें। करना चाहिए।

तेजस्वी यादव पर मुकदमा दायर करना चाहिए : एनडीए

इधर, मामले पर बिहार एनडीए गठबंधन भी शांत नहीं रहा। राजग के घटक दलों ने रविवार को पटना में भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर राजद नेता पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर राजनीतिक हमले किए। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक, जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, लोजपा (रामविलास) के राजेश भट्ट, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के श्याम सुंदर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रवक्ता नितिन भारती और भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल एक सुर में कहा कि मतदाता सूची में नाम नहीं होने का दावा कर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने सनसनी पैदा करने की कोशिश की, लेकिन चुनाव आयोग ने उनके झूठ की गठरी खोल दी है। नेताओं ने कहा कि कोई भी व्यक्ति दो मतदाता पहचान पत्र नहीं रख सकता है। अगर रखता है तो यह अपराध है। चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और तत्काल इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव पर मुकदमा दायर

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