ईडी के समक्ष पेश होते लालू यादव 
बिहार

ED दफ्तर पहुंचे लालू यादव, नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूछताछ

मंगलवार को राबड़ी और तेजप्रताप से हुए थे सवाल जवाब

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद कथित ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले की जांच के सिलसिले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। पटना में बैंक रोड स्थित केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और लालू प्रसाद के समर्थन में नारेबाजी की।

प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से मंगलवार को एजेंसी ने करीब 4 घंटे तक पूछताछ की थी। आरोपपत्र के अनुसार, ये दोनों भी मामले में सह-आरोपी के तौर पर नामजद हैं।

इस बीच, लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, जितना हमें परेशान किया जाएगा, हम उतने ही मजबूत होते जाएंगे। बेशक, यह मामला राजनीति से प्रेरित है। अगर मैं राजनीति में नहीं होता, तो मुझे इसमें नहीं घसीटा जाता। मैंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भविष्यवाणी की थी कि अब एजेंसियां ​​बिहार की ओर अपना रुख करेंगी। तेजस्वी को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।

पिछले वर्ष ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था।

यह मामला 2004 से 2009 के दौरान रेलवे में समूह ‘डी’ की नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री थे।

ईडी ने पहले एक बयान में बताया था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के अनुसार, अभ्यर्थियों से रेलवे में नौकरी के बदले ‘रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने’ के लिए कहा गया था।धनशोधन का यह मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है।

एजेंसी के अनुसार, लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव ने अभ्यर्थियों के परिवारों से (जो भारतीय रेलवे में ग्रुप डी संवर्ग में चयनित हुए थे) मामूली रकम पर जमीन हासिल कर ली थी।

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